धृतराष्ट्र ने द्रौपदी को कौन से दो वर दिये ?

युधिष्ठिर के इंद्रप्रस्थ के राजा बनने के कुछ समय बाद धृतराष्ट्र ने अपने महामंत्री विदुर के द्वारा युधिष्ठिर को अपनी सभा में मनोरंजन के लिए द्यूतक्रिड़ा (जुआ) खेलने और सबसे मिलने के लिए बुलाया।

लेकिन शकुनि ने छल से युधिष्ठिर का राज्य, उनके चारों भाई,धन - संपत्ति , द्रौपदी और खुद अपने आप को भी हार गए।


इसके बाद भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरण हुआ जिससे धृतराष्ट्र के आस - पास बहुत से अपसगुन होने लगे और धृतराष्ट्र की पत्नि गांधारी भी वहां आ गई। गांधारी ने सभी को बहुत धिक्कारा जिसके बाद धृतराष्ट्र ने द्रौपदी को दो वर प्रदान किये ,जो इस प्रकार है -

पहला वर -

द्रौपदी ने पहला वर युधिष्ठिर को दुर्योधन के दासत्व से मुक्त करने का मांगा।

दूसरा वर -

द्रौपदी ने कहा कि आप मेरे पति भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव को उनके अस्त्रों सहित दासत्व से मुक्त कर दे।

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