जयद्रथ को शिव जी ने क्या वरदान दिया ?

एक बार काम्यक वन में जब जयद्रथ को पांडवों ने पराजित कर दिया। तब जयद्रथ बहुत क्रोध में अपने घर ना जाकर हरिद्वार चला गया। हरिद्वार जाकर जयद्रथ ने भगवान शिव की घोर तपस्या की।



जब शिवजी ने प्रसन्न होकर जयद्रथ से पूछा ," क्यों तुमने इतनी घोर तपस्या की।" 

 जयद्रथ ने कहा ," मैं युद्ध में रथ सहित पांचों पांडवों को जीत लूं,यही वरदान दीजिए।"

भगवान शिव बोले ," ऐसा नहीं हो सकता। पांडवो को तो युद्ध में न कोई जीत सकता है और न कोई मार सकता है। केवल एक दिन तुम अर्जुन को छोड़ बाकी चार पांडवों को युद्ध में पीछे हटा सकते हो।

Comments

Popular posts from this blog

युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ

किस ऋषि का विवाह 50 राजकुमारियों से हुआ था ?

पुराणों में इंद्र, सप्तऋषि मनु और मन्वन्तर क्या है ?