महाभारत युद्ध को महल में बैठकर संजय ने कैसे देखा ?
महर्षि व्यास जी को भूत , भविष्य और वर्तमान का ज्ञान था। वे जानते थे कि महाभारत के युद्ध में कितना विनाश होने वाला है।
एक दिन वह धृतराष्ट्र के पास पहुंचे और धृतराष्ट्र से कहा कि " तुम्हारे पुत्रों और अन्य राजाओं की मृत्यु का समय निकट आ गया है। "
यदि तुम संग्राम भूमि में इन सभी की अवस्था देखना चाहते हो तो मैं तुम्हें दिव्य नेत्र प्रदान करूंगा। जिससे तुम यहां बैठे - बैठे ही युद्ध में होने वाला सारा दृश्य अपनी आंखों से देख सकोगे।
तब धृतराष्ट्र ने कहा कि "अपने ही परिवार और पुत्रों का अंत , मैं अपनी आंखों से नहीं देख सकूंगा। कृपया आप मुझे ऐसा आशीर्वाद दे की मैं इस युद्ध का सारा वृत्तांत सुन सकूं।"
धृतराष्ट्र की ऐसी इच्छा जानकार व्यास जी ने संजय को दिव्य दृष्टि प्रदान की और कहा कि" संपूर्ण युद्ध क्षेत्र में ऐसी कोई भी बात नहीं होगी जो संजय से छिपी रहे। सामने हो या परोक्ष में दिन में हो रात में, मन में सोची हुई कोई बात ही क्यों न हो , वह भी संजय को मालूम हो जाएगी।"

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