पांडवो ने जयद्रथ को मृत्यु दण्ड क्यों नहीं दिया ?
पांडवों की अनुपस्थिति में, द्रौपदी को आश्रम में अकेला पाकर जयद्रथ ने द्रौपदी का बल पूर्वक अपहरण कर लिया। जब पांडव आश्रम में वापस आए तब द्रौपदी की दासी धात्रेयिका रो रही थी। महाराज युधिष्ठिर के पूछने पर दासी ने सारी बात बतायी।
सब कुछ जानकर पांचों भाई रथ के जाने की दिशा में दौड़े और कुछ दूर जाकर उन्होंने जयद्रथ को देखा। जयद्रथ और पांडवों में युद्ध होने लगा।
जयद्रथ के सभी सैनिकों को भीम और अर्जुन ने मार डाला और जयद्रथ को भी परास्त कर दिया। क्योंकि जयद्रथ दुर्योधन की बहन दुश्शाला का पति था इसलिए युधिष्ठिर ने जयद्रथ को मृत्यु दण्ड देने से रोक दिया।
तब जयद्रथ के बालों को अर्ध चंद्राकर तीर की नोक से भीम ने मुढ़ (काट) दिया और पांच चोटियां छोड़ दी और जयद्रथ को जाने दिया।


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