कुमारगुप्त प्रथम के तीसरे प्रकार का सोने का सिक्का!

 3) अश्वमेध सिक्का -

इसे कुमार ने अश्वमेध यज्ञ के स्मारक में तैयार कराया। समुद्रगुप्त के अश्वमेध सिक्के से इसमें भिन्नता मिलती है। कुमार के अश्वमेध सिक्के पर घोड़े का चित्र कई तरह से विभूषित है। इसकी बनावट श्रेष्ठ है। यह सिक्का 124 ग्रेन तौल में है।


इस सिक्के के एक ओर यूप के समीप दाहिनी ओर सुसज्जित घोड़ा (लेख साफ नहीं)।

सिक्के के दूसरी ओर वस्त्राभूषणों से सजी चंवर लिए महिषी की मूर्ति लेख श्री अश्वमेध महेंद्र: 


कुमार गुप्त प्रथम का अश्वमेध सिक्का बहुत कम पाया गया है लेकिन बयाना कि ढेर में इस ढंग के चार सिक्के मिले है।

उसको देखने से पता चलता है कि एक ढंग के सिक्के कुमार गुप्त ने दो बार अश्वमेध यज्ञ करवाया था, पर अलंकार से विभूषित घोड़ा यूप के बाएं खड़ा है। वृत में लेख खुदा है, लेकिन केवल कुमार पढ़ा जाता है।

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