कुमार गुप्त के चांदी के सिक्के ! भाग -1
चंद्रगुप्त द्वितीय ने चांदी का सिक्का चलाया लेकिन कुमार गुप्त ने विभिन्न ढंग के अगणित संख्या में सिक्के तैयार कराये थे ,गुजरात और काठियावाड़ में अपने पिता की तरह ,लेकिन मध्य प्रदेश में नए ढंग के चांदी के सिक्के प्रचलित किये।
ये दोनों पश्चिमी और मध्य देशीय के नाम से पुकारे जाते है। कुछ सिक्के विशुद्ध चांदी के नहीं है। तांबे पर चांदी का पानी डाला गया है। राजकोष में चांदी के कमी के कारण ऐसा सिक्का तैयार किया गया था।
1) पश्चिमी ढंग का सिक्का -
इसके आगे के भाग पर राजा का अर्ध शरीर और ब्राह्मी अंक में तिथि लिखी है।
पीछे के भाग पर गरुण की मूर्ति है और गुप्त लिपि में " परम भागवत महाराजाधिराज श्री कुमार गुप्त: महेंद्रा दिन्य: " लिखा है।
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