काचगुप्त का सोने का सिक्का !

1) चन्द्रगुप्तम नाटक , हर्षचरित्र , काव्य मीमांस्त्रा श्रृंगार प्रकाश और संजन ताम्रपत्र के आधार पर रामगुप्त (वास्तविक नाम काचगुप्त) का राज्य काल निर्णय किया गया है। चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य से पहले थोड़े समय तक काचगुप्त का शासन रहा।

2) समुद्रगुप्त के सिक्के की तरह एक सोने का सिक्का मिला है जिस पर " काच " लिखा है। उसे ही काचगुप्त वाला सिक्का माना जाता है। 


3) काचगुप्त का एक ही प्रकार का सिक्का मिलता है। जिसमें एक ओर राजा की खड़ी मूर्ति (समुद्र की तरह वस्त्र पहने) चक्र युक्त ध्वजा लिए और अग्नि में दाहिने हाथ से आहुति देते दिखलायी गयी है। राजा के बाएं हाथ के नीचे गुप्त लिपि में काच और चारों ओर उपगीति छंद में"काचो गाम विजित्य दिवं कर्मभिरूतमैर्जयति " लिखा है।


4) पीछे की ओर पुष्प लिए खड़ी देवी की मूर्ति है और उसके पीछे "सर्व राजोच्छेता " लिखा है। इसकी तौल 118 ग्रेन है।

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