बंगाल के राजा शशांक के सिक्के और कुछ अन्य सिक्कें !
1) उत्तरी बंगाल गौड़ में उस समय शशांक नामक राजा राज करता था। मालवा के एक गुप्त सरदार के कहने पर इसने "मौखरि राज्य" पर आक्रमण कर राज्यवर्धन को मार डाला।
2) शशांक एक प्रतापी राजा था जिसके सिक्के गौड़ से मिले है जिनपर उसने अपने धार्मिक चिन्ह को प्रधान स्थान दिया है। वह शैवमत को मानने वाला था और बौद्धों का घोर शत्रु था। उसने गुप्तों के सुवर्ण सिक्कों के ढंग पर सोने का सिक्का चलाया था।
3) इन सिक्कों के आगे के भाग पर शिव जी की बैठी मूर्ति , नंदी के शरीर पर झुका हुआ दाहिना हाथ उठाए अंकित है। चंद्रमा की आकृति। गुप्त लिपि में दाहिनी ओर श्री श नीचे जय लिखा है।
राज लक्ष्मी कमलासन पर बैठी है, हाथ में कमल दोनों तरफ से हाथी पानी फेंक रहे है।
सातवीं सदी के मध्य भाग तक गौड़ में शशांक का राज्य था।
शक राजा के चांदी के सिक्के और कुछ अन्य सिक्के
1) विनोन और स्पलहोर दोनों के सिक्के दो प्रकार के है -
पहले प्रकार के सिक्के चांदी के बने हुए और गोलाकार है। इन पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में वज्र लिए ज्यूपिटर की मूर्ति मिलती है।
दूसरे प्रकार के सिक्के तांबे के बने हुए और चौकोर है। ऐसे सिक्कों पर एक ओर हरक्यूलिस और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है।
2) विनोन और स्पलगदम दोनों के नाम वाले सिक्के भी दो प्रकार के मिले है। वे सब भी सब प्रकार से विनोन और स्पलहोर के चांदी और तांबे के सिक्कों के समान ही है।
तांबे के कुछ सिक्कों पर एक ओर यूनानी भाषा में स्पलहोर का नाम और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में उसके स्पलगदम पुत्र का नाम भी मिलता है।
इस प्रकार के सिक्के भी दो प्रकार के है। एक गोलाकार और दूसरे चौकोर इस प्रकार के कुछ सिक्कों पर स्पालिरिष नामक एक राजा का नाम भी मिलता है।
कुछ सिक्कों पर एक ओर यूनानी अक्षरों में स्पालिरिष का नाम और उपाधि और दूसरी ओर " महरज भ्रत ध्रमियस स्पलिरिशस " लिया हुआ है।
3) इस्लामी दुनिया में पैगंबर के बाद हिजरी 77 यानी 696 ईस्वी में खलीफा ने सिक्का तैयार कराया था।
712 ईस्वी के बाद सिंध विजय करने पर कासिम के गवर्नरों ने भारत में सबसे पहले इस्लामी सिक्के तैयार कराए जो बगदाद की खलीफा की शैली पर बनाए गए थे
उन पर टकसाल और गवर्नर का नाम और धार्मिक वाक्य खुदे थे।
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