कुमारगुप्त प्रथम के नवे प्रकार का सिक्का ! भाग - 7

 7) कुमादित्य वाला सिक्का -

इस प्रकार का सिक्का अद्वितीय माना जाता है। इस पर किसी राजा का व्यक्तिगत नाम नहीं मिलता है। इसलिए यह कुमार गुप्त का चलाया सिक्का है यह कहना गलत होगा। स्कन्दगुप्त मिलती के सिक्कों पर विक्रमादित्य की पदवी मिलतीहै। संभव है सकता है कि यह सिक्का स्कंदगुप्त ने चलाया हो।


इसका एक ही सिक्का मिला है। जिसके आगे के भाग पर छत्र धारी सेवक (बौना ) के साथ राजा की आकृति मिलती है तथा पीछे के भाग पर खड़ी सनाल कमल लिए लक्ष्मी की मूर्ति और लेख विक्रमादित्य: पाया जाता है।

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