भारतीय वैज्ञानिक जिन्होंने प्रसिद्ध जयपुर फुट बनाया - पी. के. सेठी

 प्रमोद कर्ण सेठी (1927 - 2008)




प्रारंभिक जीवन

प्रमोद कर्ण सेठी का जन्म 28 नवंबर 1927 को हुआ था। प्रमोद का बचपन वाराणसी में बीता। उनके पिता डॉ. निखिल कर्ण सेठी " बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी " में भौतिकशास्त्र (फिजिक्स) पढ़ाते थे।

परिवार में गांधी जी के आदर्शो का बोलबाला था। प्रोफेसर सेठी ने भौतिकशास्त्र पर हिंदी में किताब लिखी और उसके बाद उन्होंने कई वैज्ञानिक ग्रंथो का हिंदी में अनुवाद किया।


शादी में दहेज देने के बजाय उन्होंने अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया।


1930 में "प्रोफेसर सेठी " आगरा कॉलेज में पढ़ाने लगे, इसलिए प्रमोद की शिक्षा भी वही सेंट जोन्स स्कूल में हुई। बाद में उन्होंने एमबीए और एमएस की डॉक्टरी पढ़ाई सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा से पूरी की।


अपनी प्रतिभा के कारण उन्हें 1954  में एडिंब्रा से एफआरसीएस की डिग्री प्राप्त हुई।


ट्रेनिंग

प्रमोद की ट्रेनिंग तो एक सर्जन के रूप में हुई थी। लेकिन संयोग से वे हड्डी रोग के क्षेत्र में आये। एक उच्च समिति जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल का मुआयना करने के लिए आने वाली थी।


क्योंकि अस्पताल में हड्डी रोग का कोई विभाग ही नहीं था। इसलिए प्रधानाचार्य ने उनसे इस नए विभाग को शुरू करने को कहा।


बाद में सेठी ने इस हल्के, टिकाऊ ,काम लागत का कृत्रिम पैर बनाया , जिससे दुनिया भर में लाखो विकलांगों के जीवन में परिवर्तन आया।




 1970 में डॉक्टर सेठी ने " जयपुर फुट " पर पहला शोध पत्र लिखा। 1974 में उन्हें स्विटजरलैंड में कृत्रिम अंगों पर हो रही फर्स्ट वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप आमंत्रित किया गया।


पुस्तकों और संगीत में रुचि

प्रमोद बहुत पढ़े लिखे और विद्वान थे। उनकी पेड़ पौधों में गहरी रुचि उन्हें पुस्तकों और संगीत से गहरा लगाव था। उनका भारतीय और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत जैक , रॉक और लोकगीतों में रुचि थी।

वो कभी किसी क्लब के सदस्य नहीं बने और न ही कभी वो छुट्टी बतौर किसी यात्रा पर गए।


सम्मान

1) 1978 में प्रमोद सेठी को विलक्षण मेडिकल टीचर के लिए बी. सी. रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


2) 1981 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से अलंकृत किया।




मृत्यु

वो खाली समय अपने परिवारजनों के साथ घर पर ही बिताना पसंद करते थे।

परिवार में उनकी पत्नी सुलोचना , तीन बेटियां और एक बेटा था।

 80 वर्ष की आयु में  6 जनवरी 2008  को डॉ. प्रमोद कर्ण सेठी की मृत्यु हो गई।

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