नये प्रकार का लिक्विड क्रिस्टल की खोज !
चन्द्रशेखर ने नए पदार्थ के लिए एक ऑर्गेनिक प्रयोगशाला भी स्थापित की। जल्द ही यह प्रयोगशाला अपने मौलिक शोधकार्य के कारण पूरे विश्व में लिक्विड क्रिस्टल पर अनुसंधान का एक अग्रणी केंद्र बन गई।
1977 में चंद्रशेखर जब अपने वैज्ञानिक कैरियर के शिखर पर थे। तब उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर एक नये प्रकार के लिक्विड क्रिस्टल की खोज की।
जो नये तरह के परमाणुओं का बना था। इन परमाणुओं का आकार चकतियों जैसा था। यह परमाणु पहले अध्ययन किए, बेलनाकार परमाणुओं से बिल्कुल भिन्न थे।
इस खोज से चंद्रा को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति मिली। इस खोज का समाचार "प्रमाण" नामक वैज्ञानिक शोधग्रंथ में पहली बार छपा।
लिक्विड क्रिस्टल के क्षेत्र में इस निबंध का आज भी सबसे अधिक उल्लेख होता है।
अब तक चकती आकार वाले लगभग 1500 परमाणुओं को प्रयोगशालाओं में कृत्रिम तरीकों से बनाया जा चुका है उनके भौतिक और रासायनिक गुणधर्मों पर 2000 से अधिक शोधपत्र लिखे जा चुके है।
इन नये पदार्थों को नयी चुनौतियों और तकनीकों के अनुरूप ढाला जा रहा है जिसमें जेरॉक्स , सोलर सेल , ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइसेज और हाई ब्रिड कंप्यूटर चिप्स शामिल थे।
अन्य चीजों के साथ - साथ अब लिक्विड क्रिस्टल जैविक ढांचों
जैसे - जीवित टिश्यूस को समझने में मदद करते और जैविक मैंब्रेंस को समझने के लिए आवश्यक है।
इसी लिए जीवशास्त्री मेडिकल शोधकर्ताओं कि भी लिक्विड क्रिस्टल में गहरी रूचि रखते है। वो सब चन्द्रशेखर के काम के आभारी है।

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