भारतीय वैज्ञानिक सी. वी. रमन के कार्य !
1) जुलाई 1933 में रमन , टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ( बाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ) के निदेशक नियुक्त हुए। रमन ने 15 साल इस संस्था में गुजारे।
वहां विश्वस्तर का फिजिक्स विभाग स्थापित किया। उन्होंने यह तमाम वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग और प्रेरणा दी।
2) रमन ने एक्स - रे डिफ्रैक्शन और अपने पसंदीदा विषय प्रकाश और पदार्थ के बीच अंतर्सम्बंधों पर काम शुरू किया।
3) अपने लेक्चर में वो ठोस वैज्ञानिक प्रयोग करके दिखाते। उनका लेक्चर आसमान नीला क्यों होता है ? एक मिसाल है।
4) वो इंडियन नैशनल साइंस एकाडमी (इंसा) के संस्थापक थे।
5) रमन वाद्ययंत्रों के विज्ञान पर भी काम किया करते थे। धनुष डोर से बजने वाले वाद्ययंत्रों के कम्पन और उनकी भौतिकी पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
6) 1943 में उन्होंने एक कंपनी शुरू की - " ट्रैवेन्कोर केमिकल्स एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी "।
7) 1948 में रिटायर होने से पहले रमन ने बैंगलोर में " रमन रीसर्च इस्टिट्यूट " की स्थापना की। इस संस्था की विशेषता यह थी कि उसकी स्थापना के लिए सारी पूंजी निजी दाताओं से आयी। उन्होंने 1970 तक अपना वैज्ञानिक शोध जारी रखा।
8) उन्होंने प्रसिद्ध रमन प्रभाव (रमन इफेक्ट) की खोज की।
9) इन्होंने अपने सभी शोध भारत में ही रहकर किया।

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