भारतीय वैज्ञानिक रूचि राम साहनी भाग - 2
भारतीय वैज्ञानिक रूचि राम का लेक्चर सुनने टिकेट खरीदकर जाते थे लोग !
उन दिनों पंजाब की सीमा दिल्ली से लेकर पेशावर तक फैली थी। शिमला में काम करते समय साहनी ने "मौसम की भविष्यवाणी " पर कुछ लेक्चर दिए थे। यह लेक्चर आम लोगों को काफी पसंद आए।
चाहे गांव हो या शहर , मजदूर हो या दुकानदार सभी इन लेक्चरों को सुनने के लिए भारी मात्रा में इकट्ठा होते और 2 आने का टिकट खरीद कर विज्ञान का शो देखते।
साहनी के लेक्चर आम रोजमर्रा की चीजों और घटनाओं पर होते। जैसे -
साबुन निर्माण 1880, पूर्व लाहौर में पानी के स्रोत , स्वच्छ और गंदी हवा , मनुष्य की सेवा में विद्युत , इलेक्ट्रो प्लेटिंग , कांच निर्माण, पंजाब और उसकी नदियां ( इसे वे एक मिट्टी के तीन आयामी नक्शे द्वारा समझाते )।
लेक्चर्स को आकर्षक बनाने के लिए उन्हें सिनेमा जैसे पर्दे पर प्रोजेक्ट किया जाता था। इन लेक्चर्स की वजह से लोगों की विज्ञान में रूचि बढ़ी।
रूचि राम के लेक्चर्स के लिए जनता की भारी मांग रहती। उन्होंने कुल मिलाकर 500 लेक्चर दिए।

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