बनारस के,दुर्गा मंदिर का स्थापना इतिहास

महादेव की नगरी काशी में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों के मंदिर हैैं।

इनमें मां कूष्मांडा दरबार देश - दुनिया में प्रख्यात हैं।


स्थापना का इतिहास

देवी का मंदिर तो 18 वीं शताब्दी में बना था लेकिन इसके स्थापना की कहानी सदियों पुरानी है।

काशीराज सुबाहु दुश्मनों से लड़ते हुए यहां घनघोर जंगल में पहुंचे। थकान के कारण पीपल के विशाल पेड़ के नीचे सैनिकों संग विश्राम करने लगे। इस दौरान देवी का स्मरण कर कृपा की याचना की। 

आंख लगी तो स्वप्न में देवी ने यहीं निवास की इच्छा जताई। नींद खुलने पर राजा ने दुश्मनों को परास्त किया और पेड़ के नीचे देवी उपासना शुरू कर दी। पूजा पाठ के लिए पुरोहित नियुक्त किया और शरीर त्याग दिया।

बंगाल की रानी

बंगाल की महारानी भवानी 18 वीं शताब्दी में जब " काशी" आई तो भ्रमण के दौरान उन्हें पीपल के नीचे भीड़ दिखी। 

पूजा - आराधना के बारे में जानकारी की तो उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। श्रद्धालु रानी ने यहां पत्थरों से देवी कूष्मांडा का विशाल " भव्य मंदिर और कुंड " बनवाया।


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