बनारस के ब्रजभाषा के कवि, 17 वीं सदी के मध्य के

17 वीं सदी के मध्य में बनारस में ब्रजभाषा के इतने कवि थे कि उन्होंने अपनी ओर से " कवितद्र सरस्वती " को बनारस का यात्री कर छुड़वाने के उपलक्ष्य में प्रशस्तियों सहित एक मान पत्र भेंट किया। इन प्रशस्तियों का संग्रह "अनूप लाइब्रेरी " बीकानेर में सुरक्षित है।

कविद्र चंद्रिका में कवियों के नाम ये है -

(1) सुखदेव  (2) नंदलाल  
(3) भिप     (4) पण्डितराज 
(5) रामचंद्र    (6) कविराज 
(7) धर्मेश्वर (8) हरिराम   
(9) रघुनाथ  (10) विश्वभरनाथ मैथिल    (11) शंकरोपाध्याय   (12) भैरव  
(13) सितापती त्रिपाठी ,पुत्र मणीकंठ   
(14) गड़  (15) गोपाल त्रिपाठी ,पुत्र मणीकंठ
(16) विश्वनाथ राम  (17) चिंतामणि        (18) देवराय    (19) कुलमणि      
(20) त्वरित कविराज 
(21) गोविंद भट्ट  (22) जयराम      
(23) वंशीधर   (24) गोपीनाथ    
(25) राम    (26) जादवराव   
(27) जगतराम    (28) चंद्र

देशी भाषा के इन कवियों में " कवींद्र चंद्रोदय " के कुछ संस्कृत कवि जैसे -

जयराम, विश्वभरनाथ मैथिल, धर्मेश्वर, त्वरित कविराज, रघुनाथ भी आ गए हैं।

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