नौसेना दिवस 4 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है ?
भारतीय सेना के तीन भाग होती है।भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना। भारतीय थल सेना, हमारी धरती पर रक्षा करती है, नौसेना पानी में और उसी प्रकार वायु सेना आकाश में हमारी रक्षा करती है।
3 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना (पूर्वी पाकिस्तान जो कि अब बांग्लादेश में है।) पाक सेना के खिलाफ जंग की शुरुआत कर चुकी थी क्योंकि इस दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था।
4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राईडेंट " के तहत भारतीय नौसेना ने करांची नौसेना पर हमला बोल दिया था। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था।
इस दौरान नौसेना ने पाकिस्तान के कई जहाज और कराची तेल डिपो को नष्ट कर दिया था जो कि सात दिन तक जलता रहा, इसकी लपटों को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था।
इस ऑपरेशन में तीन भारतीय नौसेना पनडुब्बी मिसाइल -
1) आईएनएस निरघाट
2) आईएनएस वीर और
3) आईएनएस निपत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ऑपरेशन ट्राईडेंट का प्लान नौसेना के प्रमुख एडमिरल एस. एम. नंदा के नेतृत्व में बनाया गया था।
25 वें स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को इस टास्क की जिम्मेदारी दी गई थी। ये ऑपरेशन 90 मिनट तक चला था। जब ऑपरेशन खत्म हुआ तब भारतीय नौसैनिक अधिकारी विजय जेरथ ने सन्देश भेजा।
फॉर पीजन्स हैप्पी इन द नेस्ट, रीज्वाइनिंग'।" कराची में तेल डिपो में लगी आग को सात दिनों और सात रातों तक बुझाया नहीं जा सका था।
इसलिए भारतीय नौसेना दिवस 4 दिसंबर को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत के साथ भारत की नौसेना ने विजय हासिल की थी।
4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राईडेंट " के तहत भारतीय नौसेना ने करांची नौसेना पर हमला बोल दिया था। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था।
इस दौरान नौसेना ने पाकिस्तान के कई जहाज और कराची तेल डिपो को नष्ट कर दिया था जो कि सात दिन तक जलता रहा, इसकी लपटों को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था।
इस ऑपरेशन में तीन भारतीय नौसेना पनडुब्बी मिसाइल -
1) आईएनएस निरघाट
2) आईएनएस वीर और
3) आईएनएस निपत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ऑपरेशन ट्राईडेंट का प्लान नौसेना के प्रमुख एडमिरल एस. एम. नंदा के नेतृत्व में बनाया गया था।
25 वें स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को इस टास्क की जिम्मेदारी दी गई थी। ये ऑपरेशन 90 मिनट तक चला था। जब ऑपरेशन खत्म हुआ तब भारतीय नौसैनिक अधिकारी विजय जेरथ ने सन्देश भेजा।
फॉर पीजन्स हैप्पी इन द नेस्ट, रीज्वाइनिंग'।" कराची में तेल डिपो में लगी आग को सात दिनों और सात रातों तक बुझाया नहीं जा सका था।
इसलिए भारतीय नौसेना दिवस 4 दिसंबर को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत के साथ भारत की नौसेना ने विजय हासिल की थी।

Nice 😌😌
ReplyDeleteAisi hi interesting information ke liye aage BHI blog padhte rahe.
DeleteThanks