कुछ महत्वपूर्ण स्थान,गौतम बुद्ध के जीवन के !
1) लुम्बिनी -
सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल के लुम्बिनी वन में हुआ था। ये जगह आज " कपिलवस्तु " और " देवदह " के बीच " नौतनवा " स्टेशन से पश्चिम दिशा में करीब 12 किलोमीटर दूर है।
बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों के लिए लुम्बिनी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है।यह नेपाल के रूपनदेही के जिले में पड़ता है।
2) कपिलवस्तु -
सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) के पिता राजा शुद्धोधन के राज्य, शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु ही थी।
अब कपिलवस्तु " दक्षिण नेपाल " में एक जिला है। घर छोड़ने से पहले सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) यहीं अपने पिता के महल में रहते थे।
अब कपिलवस्तु " दक्षिण नेपाल " में एक जिला है। घर छोड़ने से पहले सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) यहीं अपने पिता के महल में रहते थे।
3) बोधगया -
वैराग्य प्राप्त होने के बाद गौतम बुद्ध भारत में बिहार राज्य के " गया " जिले में पहुंचे। यहां "वैशाख पूर्णिमा " के दिन सिद्धार्थ पीपल के पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर बैठे थे।
ध्यान लगाने पर रात को सिद्धार्थ की साधना सफल हुई और उन्हें सत्यता का बोध हुआ। तभी से " बुद्ध " होने का बोध, जिस पीपल वृक्ष के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान का बोध मिला, वह " बोधिवृक्ष " कहलाया और " गया " के पास उस जगह को "बोधगया " के नाम से जाना जाता है।
4) सारनाथ -
ये जगह भारत में उत्तरप्रदेश राज्य के वाराणसी जिले में है। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध को काशी के पास " मृगदाव (वर्तमान में सारनाथ) " पहुँचे।
वहीं पर उन्होंने सबसे पहला धर्मोपदेश दिया और पाँच मित्रों को अपना अनुयायी बनाया और उन्हें धर्म के प्रचार करने के लिये भेज दिया।
वहीं पर उन्होंने सबसे पहला धर्मोपदेश दिया और पाँच मित्रों को अपना अनुयायी बनाया और उन्हें धर्म के प्रचार करने के लिये भेज दिया।
5) कुशीनगर -
भारत में ये जगह उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर हैं। यहां पर " वैशाख पूर्णिमा " के दिन ही " भगवान बुद्ध " ने महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था।





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