बनारस के सारनाथ में खुदाई में क्या क्या मिला है ? भाग -1
सारनाथ में मिली गुप्त कालीन और कुषाण कालीन प्रतिमाएं और काफ़ी कुछ खुदाई में मिला है जो इस प्रकार है -
1) बुद्ध की मूर्ति -
सारनाथ में मिली सबसे सुंदर बुद्ध की एक मूर्ति है सिंहासन पर पद्मासनस्थ धर्मचक्र प्रवर्तन मुद्रा में बैठे है पीछे प्रभामंडल है।
नीचे पीठ पर दो हिरनों के बीच में एक चक्र है और उसके दोनों ओर पंचवर्षीय भिक्षु और एक दाता अंकित है और मूर्ति में तो अपूर्व आध्यात्मिक सौंदर्य की झलक मिलती है और गढ़न में तो ये अपूर्व है।
2) मैत्रेय और अवलोकितेश्वर की प्रतिमाएं -
गुप्तकाल में " सारनाथ " में बोधि - सत्व पूजा की बहुत चलन थी। इसके फलस्वरूप मैत्रेय और अवलोकितेश्वर की सुंदर प्रतिमाएं मिलती है।
बुध की मैत्रेय प्रतिमा
अवलोकितेश्वर की प्रतिमा
अवलोकितेश्वर की मूर्ति पर गुप्ताक्षरो में एक लेख है जिससे पता चलता है कि यह मूर्ति किसी विषयपति ने बनवाई है।
3) तारा की मूर्ति -
गुप्त युग की तारा की भी एक मूर्ति सारनाथ में मिली है।
4) गुप्त कालीन अर्धचित्र -
सारनाथ में गुप्त कालीन बहुत से अर्धचित्र भी मिले है। एक उर्धवपट पर जिसमें चार खाने है बुद्ध के जीवन की चार मुख्य घटनाओं के यथा जन्म, बोधि, धर्मचक्र प्रवर्तन, महापरिनिर्वाण के दृश्य अंकित है।
इसपर एक लेख के अक्षरों से पता चलता है कि यह 5 वीं सदी की है।
एक दूसरे उर्धवपट पर तीन खंड है
पहले खण्ड में मायादेवी का स्वप्न, बुद्ध जन्म और सद्य जात शिशु बुद्ध की नागनन्द और उपनन्द तथा इन्द्र और ब्रह्मा द्वारा अभ्यर्थना है।
दूसरे खंड में महाभिनिष्कमण और गया में बुद्ध के तप के दृश्य है।
तीसरे खंड में मारविजय और महाभिनिष्कमण के दृश्य है।
5) बुद्ध के जीवन से जुड़े चित्र -
सारनाथ में बुद्ध के जीवन से जुड़ी कई और चित्र मिले है
जैसे - श्रावस्ती का चमत्कार जिसमें प्रसेनजीत ने विधर्मियो को छकाने के लिए अपना चमत्कार दिखलाया,
त्रयस्त्रिश स्वर्ग से अपनी माता को उपदेश देने के लिए बुद्ध का उतारना ऐसा ही दृश्य है।
6) कलाबु के काल के अवशेष -
सारनाथ में जातक के अंकन बहुत कम आए हैं लेकिन क्षान्तिवादित जातक का गुप्त कालीन अंकन बहुत ही अच्छा बना है।
इसमें बोधिसत्व के द्वारा कलाबु की नर्तकियों को उपदेश देने पर , उन पर कलाबु का अत्याचार दिखाया गया है।



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