महात्‍मा बुद्ध के कुछ अमूल्य उपदेश

महात्‍मा बुद्ध के कुछ उपदेश -

1) हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है। यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है. यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती।




2) आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करिये। जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।

3)  एक जग बूँद - बूँद कर के भरता है।

4)  जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।

5)  क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं।

6)  स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।

7)  किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक़सान पहुंचा सकता है।

8) अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो।

9) वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है।

10)  हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाए।

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