कैसी थी राजा दशरथ की , अयोध्या ?
वाल्मीकि रामायण में अयोध्या का वर्णन कुछ इस प्रकार किया गया था -
1) यह भूखंड की सबसे पहली लोकप्रिय राजधानी स्वयं आदिराज महाराज मनु जी ने बसाई थी।
2) यह दैघ्य ( लम्बाई ) में 12 योजन और विस्तार (चौड़ाई ) में 3 योजन थी।
1) यह भूखंड की सबसे पहली लोकप्रिय राजधानी स्वयं आदिराज महाराज मनु जी ने बसाई थी।
2) यह दैघ्य ( लम्बाई ) में 12 योजन और विस्तार (चौड़ाई ) में 3 योजन थी।
अयोध्या 48 कोस लंबी और 12 कोस चौड़ी थी।
यह (48 कोस =96 मिल )
3) महाराजा दशरथ के आठ मंत्री थे उनके नाम -
1) धृष्टि 2) जयंत 3) विजय
4) सिद्धार्थ 5) अर्थसाधक 6) अशोक
7) मंत्रपाल और 8) सुमंत्र
ऋषि " वशिष्ठ " और " वामदेव " महाराज के यज्ञ भी कराते और मंत्रिमंडल का कार्य भी देखते थे।
4) अयोध्या में बड़ी सुन्दर लंबी और चौड़ी सड़कें थी। वाह पुरी चारों ओर फैली हुई बड़ी - बड़ी सड़कों से सुशोभित थी।
5) अयोध्या में सुन्दर बाजार , बड़े- बड़े तोरण द्वार (पौलें) और नगरी की रक्षा के लिए सब प्रकार के यंत्र और शस्त्र रखे हुए थे।
6) वहां के निवासी अतुल धन संपन्न थे,उनके बड़ी - बड़ी ऊंची अटारियों वाले मकान जो ध्वजा पताकाओं से शोभित थे और छतों पर दीवारों पर सैकड़ों तोपें चढ़ीं हुई थी।
7) अयोध्या में जगह - जगह उद्यान (पार्क) और आम के बाग भी थे।
8) अयोध्या नगरी दुर्गम किले और खाई से युक्त थी, यहां हाथी, घोड़े, खच्चर, ऊंट ,बैल आदि जगह - जगह दिखाईं पड़ते थे।
9) लोग यहां व्यापार के लिए भी आते थे।
10) अयोध्या के राजभवन सुनहरे रंग के थे और यहां साठी के चावल और कुएं भी थे।
11) यहां नगाड़े , मृदंग, वीणा , पनस आदि वाद्य यंत्रों का भी वर्णन है।
12) अयोध्या में ऐसे भी वीर थे जो शब्द वेधी बाण चलाते थे।

Aise hi intrusting jankariyo k liye post padhte rahe.
ReplyDeleteDhanyawad 🌷