किसने भीष्म के वध की इच्छा से दो जन्म लिए थे ?
अम्बा ने दो जन्म लिए थे भीष्म का संहार करने की इच्छा से।
अम्बा काशी नरेश की कन्या थी जो शल्य नरेश से विवाह करना चाहती थी पर भीष्म के द्वारा अम्बा और उनकी दो बहनों का हरण किया गया।जिसके कारण हस्तिनापुर से वापस शल्य नरेश के पास जाने पर शल्य नरेश ने अम्बा को स्वीकार नहीं किया।
जिस कारण अम्बा भीष्म से बहुत ही क्रोधित हो गई और उनकी मृत्यु की कामना से घोर तप किया ।
जिसके बाद अपनी तपों बल से अम्बा ने, वत्सदेश की कन्या के रूप में जन्म लिया और कुछ वर्षों के बाद वह फिर से अपनी इच्छा पूर्ति के लिए तपस्या करने के लिए चली गई।
फिर अम्बा ने भगवान शंकर की घोर तपस्या की और शिव जी ने जब अम्बा को दर्शन दिये " तब उन्होंने अम्बा को भीष्म को मारने का वरदान दिया। "
तब अम्बा ने भगवान शंकर से कहा - " कि मैं तो स्त्री हूं मैं कैसे भीष्म का वध कर सकती हूं।"
तब भगवान शंकर ने कहा - " तू अपने आने वाले जन्म में द्रुपद की कन्या के रूप में जन्म लेगी ,परंतु कुछ समय के पश्चात तू पुरुष हो जाएगी और तुझे इन सभी बातों का पूर्ण ज्ञान होगा। "
इसके बाद अम्बा ने वहीं एक चिता सजायी और " मैं भीष्म का वध करने के लिए अग्नि में प्रवेश कर रही हूं।" ऐसा कहकर अपने प्राण त्याग दिए।
फिर अंबा का जन्म द्रुपद की कन्या शिखंडी के रूप में हुआ था जिसको सामने रखकर अर्जुन ने भीष्म पर बाण चलाया था, जिसके कारण भीष्म की मृत्यु हुई थी।

Drupad ki kanya thi sikhandi
ReplyDeleteHa,🌺
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