महाभारत की कुछ अनसुनी बातें ! भाग - 1
1) शांतनु जिस बूढ़े इंसान को छू देते थे वो फिर से जवान और सुखी हो जाता था।
2) भीष्म (देवव्रत) को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। वो जब तक मरना ना चाहे ,वो जीवित रह सकते थे।
3) भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था।
2) भीष्म (देवव्रत) को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। वो जब तक मरना ना चाहे ,वो जीवित रह सकते थे।
3) भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था।
4) वशिष्ठ मुनि के पास एक गाय थी। जो कामधेनु गाय कि पुत्री थी, यदि कोई मनुष्य इसका दूध पी ले तो वह 10,000 वर्ष तक जीवित और जवान रहता था।
5) भीष्म अपने पूर्व जन्म में द्यौ नामक वसु थे। उन्होंने वशिष्ठ मुनि की गाय चुराई थी इसी कारण वशिष्ठ मुनि ने उन्हें मनुष्य योनि में जन्म लेने का श्राप दिया था।
6) गांधारी के गर्भ धारण करने के ,2 वर्ष बाद तक भी उन्हें संतान प्राप्ति नहीं हुई और उनका गर्भपात हो गया। फिर व्यास जी के परामर्श से उनके गर्भ से लोहे जैसा गोल पिंड निकला। जिसके ऊपर पानी का छिड़काव किया गया। जिससे वो 101 टुकड़ों में विभाजित हो गया।
फिर घी से भरे घड़ों में हर टुकड़ों को अलग - अलग रख दिया गया और 2 वर्ष के लिए उस छोड़ दिया गया।
सबसे पहले उनमें से दुर्योधन का जन्म हुआ, फिर बाकी कौरवों का।
7) गांधारी और धृतराष्ट्र की एक पुत्री भी थी जिसका नाम दुश्शाला था।
8) कुंती का असली नाम पृथा था और इनके पिता का नाम शूरसेन था। जो एक यदुवंशी थे और वसुदेव, कुंती के भाई थे।
शूरसेन ने अपनी पुत्री पृथा को अपने बुआ के संतानहीन पुत्र कुंतीभोज को गोद दे दिया था और उनके पिता कुंतीभोज की कन्या होने के कारण उनका नाम कुंती पड़ा।

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