तिब्बत और मंगोलिया सरकार की मित्रता और गठबंधन संधि क्या थी ? भाग -2

5) धारा पांच -

धर्म या राज्य के मसले पर राजकीय या निजी रूप से यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति को हर राज्य अपने क्षेत्र में सहायता प्रदान करेगा।

6) धारा छ: - 

तिब्बत और मंगोलिया , दोनों राज्य पहले ही की तरह अपने यहां के उत्पादों पशुओं आदि के व्यापार में संलग्न होंगे और औद्योगिक प्रतिष्ठान भी खोलेंगे।

7) धारा सात -

अब से राजकीय संस्थानों की जानकारी में इनकी अनुमति से किसी को भी ऋण दिया जाएगा। इसकी अनुमति के बिना राजकीय संस्थाएं किसी प्रकार के दावे नहीं सुनेंगी।

वर्तमान संधि से पूर्व किए गए ऐसे किसी भी करार में जहां दोनों पार्टियां के प्रत्यक्ष सम्पर्क में आने की वजह से काफी हानि हुई तो उन की क्षतपूर्ति राजकीय संस्थाओं द्वारा कि जाएगी पर किसी भी हालत में ऐसे ऋण "शाबिनार " या " खोशुन "  संबंधित न होंगे।

8) धारा आठ -

वर्तमान संधि की धाराओं की शेषपूर्ति हेतु यदि आवश्यक हुआ तो मंगोल और तिब्बत सरकार विशेष प्रतिनिधियों कि व्यवस्था करेंगी जो वक्त की मांग के अनुरूप ऐसे प्रस्तावों का निष्कर्ष पेश करेंगे।

9) धारा नौ -

हस्ताक्षर होने की तिथि से ही वर्तमान संधि लागू हो जाएगी।
संधि के निष्कर्ष हेतु मंगोल सरकार के महादूत " निक्ता बिलिक्तु, दा लामा रब्दान, विदेश मंत्री और जनरल तथा मनलाई बात्यर वीस्हे दामदीनसूरुन सहायक मंत्री।


संधि के निष्कर्ष हेतु तिब्बत " इशिछामात्सो बैंक " के निर्देशक गुदजिर शानशिब कांचेन, लुब्साड़ अग्वान ,छोंजन और क्लर्क गेंदन गाल्सन।


मंगोल ( गणना के अनुसार ) हस्ताक्षर "रेज्ड बाई द मेनी " द्वितीय वर्ष के 12 वें माह के चौथे दिन और तिब्बती गणना के अनुसार जल - मुशक वर्ष के 12 वें माह के  चौथे दिन को हुआ।

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