तिब्बत - ब्रिटिश घोषणा 1914 में क्या लिखा था ?
3 जुलाई 1914 की ब्रिटिश तिब्बत घोषणा
हम ग्रेट ब्रिटेन और तिब्बत के महादूत इस आशय के
घोषणा पत्र को यहां रिकॉर्ड करते हैं कि हम संयुक्त रूप से यहां हस्ताक्षरित हुए इस घोषणा पत्र की जिस पर ग्रेट ब्रिटेन और तिब्बत की सरकार ने हस्ताक्षर किए, सत्यता को स्वीकार करते है और उस बात पर सहमत होते है कि ऐसी प्रवोक्त प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करने को जब तक चीन सहमत नहीं होता तब तक इस घोषणा से मिलने वाले लाभों के उपयोग से वंचित रहेगा।
घोषणा पत्र को यहां रिकॉर्ड करते हैं कि हम संयुक्त रूप से यहां हस्ताक्षरित हुए इस घोषणा पत्र की जिस पर ग्रेट ब्रिटेन और तिब्बत की सरकार ने हस्ताक्षर किए, सत्यता को स्वीकार करते है और उस बात पर सहमत होते है कि ऐसी प्रवोक्त प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करने को जब तक चीन सहमत नहीं होता तब तक इस घोषणा से मिलने वाले लाभों के उपयोग से वंचित रहेगा।
इसलिए हमने इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए है और मुहर लगाई है। इसकी दो कापियां अंग्रेजी और दो कापियां तिब्बती भाषा में है।
3 जुलाई 1914 ईसवी , तिब्बत गणना के अनुसार काठ - चीता वर्ष के पांचवे माह के दसवें दिन शिमला में किया गया।
घोषणा पत्र पर मुहरे
ए. हेनरी मैकमोहन (लोंचेन शात्रा की मुहर)
ब्रिटिश महादूत (द्रेपुंग मठ की मुहर)
(ब्रिटिश महादूत की मुहर) (सेरा मठ की मुहर)
(दलाई लामा की मुहर) (राष्ट्रीय सभा की मुहर)
(लोंचेन शात्रा का हस्ताक्षर) (गांदेन मठ की मुहर)
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