तिब्बत और मंगोलिया सरकार की मित्रता और गठबंधन संधि क्या थी ? भाग -1

"उर्गा " में 29 दिसंबर 1912 ( 11 जनवरी 1913 ) को

 तिब्बत और मंगोलिया सरकार के बीच सम्पन्न हुई

तिब्बत और मंगोलिया  ने " मांचू वंश " से मुक्त होकर और चीन से अलग होकर पृथक राज्य बनाए है इस बात को ध्यान में रखकर की अतीत से दोनों ने एक ही धर्म का पालन किया है, ऐतिहासिक और परस्पर सहयोग की भावना को सुदृढ़ करने के लिए मंगोलो के शासक के महादूत के रूप में विदेश मंत्री " निवता बिलिक्तु " था


दा लामा रब्दान , और सहायक मंत्री , जनरल और मनलाई बात्यर बीस्हे दामदीनसूरुन और दलाई लामा , तिब्बत के शासक के महादूत के रूप में गुदजिर छानशिब कांचेन,लुब्साड़ अग्वान ,डोनिर अग्वान ,छोंजेंन इशिछामात्सो बैंक के निर्देशक और क्लर्क गेंदन गाल्सन ने कुछ ऐसे प्रस्ताव दिए -

1) धारा एक -

तिब्बत के शासक दलाई लामा स्वतंत्र राज्य के रूप में मंगोल राज्य को वैधता एवं मान्यता देते है एवं वर्ष के 11 वें माह के 9 वें दिन पीले समुदाय के छेब्जुन दाम्बा लामा को राष्ट्र के शासक के रूप में घोषित करते है।

2) धारा दो -

मंगोलों के शासक " छेब्जुन दाम्बा " लामा भी स्वतंत्र राज्य के रूप में तिब्बत को वैधता एवं मान्यता देते है और दलाई लामा को तिब्बत के शासक के रूप में घोषित करते है।

3) धारा तीन -

दोनों राज्य बौद्ध धर्म के कल्याण के लिए संयुक्त समझ - बुझ से कार्य करेंगे।

4) धारा चार -

अब से लेकर तिब्बत और मंगोल दोनों राज्य बाहरी खतरों के खिलाफ एक दूसरे की मदद करेंगे।

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