चीन ने भारत पर अवैध कब्जे का आरोप कब लगाया ?
❇️अगस्त 1986 में चीन ने भारत पर ही सीमा उलंघन का आरोप लगाया ,जिसका भारत सरकार को खंडन करना पड़ा।
❇️6 अगस्त 1986 को भारत सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी कि चीन ने भारतीय क्षेत्र सुमदुरोंग - चू घाटी में एक हेलीपैड का निर्माण किया गया है।
❇️18 दिसंबर ,1986 को राजीव गांधी ने यह आश्वाशन दिया कि चीन को सीमा क्षेत्र के बारे मैं मेरे कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
❇️20 फरवरी 1987 को भारत ने अरुणाचल प्रदेश को भारतीय संघ का 24 वां राज्य घोषित किया,तो 21 फरवरी,1987 को चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा भारत की इस कार्यवाही ने चीन की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का गंभीर उलंघन किया गया है। दूसरी तरफ भारत ने इस विरोध को भारत के घरेलू मामले में हस्तक्षेप की संज्ञा दी।
❇️सातवें दौर की वार्ता में भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव ए. पी. वेंकटेश्वर और चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के विदेश सचिव ल्यू - शूछिग ने किया।
❇️प्रतिनिधिमंडल को तीन अलग - अलग समूहों में बांट दिया गया,जो सीमा विवाद , संस्कृति आदान प्रदान, और विज्ञान तथा तकनीकी - सहयोग के संबंध में बातचीत करते रहे।
❇️सातवें दौर की बातचीत सद्भाव एवं मैत्री पूर्ण वातावरण में हुई।
❇️अरुणाचल प्रदेश के " बाॅगडोग " सुमदुरोंग - चू घाटी में घुसपैठ के सवाल पर विस्तार से चर्चा हुई। लेकिन चीन इस बात पर अड़ा रहा कि बाॅगडोग वास्तविक सीमा रेखा के उत्तर में है, और वह चीन का अंग है।
❇️चीन ने यह भी कहा कि उसका 90,000 वर्ग किलोमीटर भू - क्षेत्र भारत के अवैध कब्जे में है अक्साई - चीन हमेशा से चीन का क्षेत्र रहा है।
❇️फरवरी,1987 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा करते हुए कहा कि भारत- चीन सीमा के विवादित पूर्वी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश कि स्थिति को कभी मान्यता नहीं दी है।
❇️6 अगस्त 1986 को भारत सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी कि चीन ने भारतीय क्षेत्र सुमदुरोंग - चू घाटी में एक हेलीपैड का निर्माण किया गया है।
❇️18 दिसंबर ,1986 को राजीव गांधी ने यह आश्वाशन दिया कि चीन को सीमा क्षेत्र के बारे मैं मेरे कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
❇️20 फरवरी 1987 को भारत ने अरुणाचल प्रदेश को भारतीय संघ का 24 वां राज्य घोषित किया,तो 21 फरवरी,1987 को चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा भारत की इस कार्यवाही ने चीन की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का गंभीर उलंघन किया गया है। दूसरी तरफ भारत ने इस विरोध को भारत के घरेलू मामले में हस्तक्षेप की संज्ञा दी।
❇️सातवें दौर की वार्ता में भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव ए. पी. वेंकटेश्वर और चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के विदेश सचिव ल्यू - शूछिग ने किया।
❇️प्रतिनिधिमंडल को तीन अलग - अलग समूहों में बांट दिया गया,जो सीमा विवाद , संस्कृति आदान प्रदान, और विज्ञान तथा तकनीकी - सहयोग के संबंध में बातचीत करते रहे।
❇️सातवें दौर की बातचीत सद्भाव एवं मैत्री पूर्ण वातावरण में हुई।
❇️अरुणाचल प्रदेश के " बाॅगडोग " सुमदुरोंग - चू घाटी में घुसपैठ के सवाल पर विस्तार से चर्चा हुई। लेकिन चीन इस बात पर अड़ा रहा कि बाॅगडोग वास्तविक सीमा रेखा के उत्तर में है, और वह चीन का अंग है।
❇️चीन ने यह भी कहा कि उसका 90,000 वर्ग किलोमीटर भू - क्षेत्र भारत के अवैध कब्जे में है अक्साई - चीन हमेशा से चीन का क्षेत्र रहा है।
❇️फरवरी,1987 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा करते हुए कहा कि भारत- चीन सीमा के विवादित पूर्वी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश कि स्थिति को कभी मान्यता नहीं दी है।

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