चंद्रशेखर तिवारी " आज़ाद " भाग - 5

एक अचूक निशानेबाज !

एक बार आजाद अपने साथियों भवानी सिंह, रामचन्द्र, मास्टर छैलबिहार लाल और विशंबर दयाल के साथ लैसडाउन गए थे और पहाड़ियों पर उन्हें निशाना लगाने का प्रशिक्षण दे रहे थे। 

सभी साथियों को आजाद का निशाना देखने की इच्छा व्यक्त की ,क्योंकि उनका निशाना अचूक था। साथियों ने पेड़ के किसी पत्ते पर निशाना लगाने को कहा। आजाद ने निशाना लगाया और पांच गोलियां चला दी, पर एक भी पत्ता नहीं गिरा। सबको लगा की निशाना चूक गया। 

लेकिन जब पास जाकर पत्ता तोड़ा गया, तो उस पत्ते में पांच गोलियों के पांच छेद मौजूद थे। सब उनके निशाने के कायल हो गए। 

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