सूफी अम्बा प्रसाद - भाग 3

 सूफी अम्बा प्रसाद नेपाल में 

सन् 1906 में पंजाब में फिर धर - पकड़ शुरू हुई तो अजीत सिंह के भाई सरदार किशनसिंह और "भारत माता सोसाइटी" के मंत्री मेहता आनंद किशोर के साथ वे नेपाल चले गए।


नेपाल में सूफी जी का परिचय नेपाल के गर्वनर जंगबहादुर जी से हुआ और दोनों में काफ़ी गहरी दोस्ती हो गई, बाद में जंगबहादुर जी को, सूफी जी को आश्रय देने के कारण उनके पद से हटा दिया गया और उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली गई।


सूफी जी को वहां से गिरफ्तार करके लाहौर लाया गया। लाला पिंडीदास जी के पत्र " इण्डिया" में प्रकाशित इनके लेखों के सम्बंध में ही सूफी जी पर अभियोग चलाया गया, लेकिन निर्दोष सिद्ध होने पर बाद में इन्हें छोड़ दिया गया। 


बाद में सरदार अजीत सिंह भी छूट गए और सन् 1909 में भारत माता बुक सोसाइटी की नीव डाली गयी। इसका अधिकतर कार्य सूफी जी ही किया करते थे। इन्होंने " बागी मसीहा " नामक एक पुस्तक प्रकाशित करवायी , जो बाद में जब्त कर ली गयी।

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