खुदीराम बोस भाग - 3
गुप्त समिति
सातवीं कक्षा के बाद खुदीराम ने पढ़ाई छोड़ दी। श्री ज्ञानेंद्र बोस जो कि अध्यापक थे, उन्होंने अपने छोटे भाई का मिदनापुर निवासी सत्येंद्रनाथ बोस से खुदीराम का परिचय कराया। जो क्रांतिकारी संगठन बनाने की कोशिश कर रहे थे।
गुप्त समिति की स्थापना सत्येंद्र बोस ने अनुशीलन समिति की स्थापना की।
गुप्त समिति का मुख्य कार्यालय कलकत्ता में था। कुछ समय बाद संगठन के साथ अनेकों प्रसिद्ध क्रांतिकारी जुड़ गए।
स्वामी विवेकानन्द जी की शिष्या भगिनी निवेदिता के आग्रह पर अरविंदो घोष ,जो बड़ौदा में उप प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे , इस संगठन के कर्ताधर्ता हो गए। उनके छोटे भाई वरिंद्र कुमार घोष और हेमचंद्र कानूनगो भी इस संगठन से जुड़ गए।
हेमचंद्र ने अपने पुरखों की सारी जमीन बेचकर फ्रांस जाकर बम बनाना सिखा।
सत्येंद्रनाथ बोस ने खुदीराम को एक पिस्तौल भेंट की और उसे चलाना भी सिखाया।
खुदीराम ने अपने कुछ मित्रों को बांकुरा में " छेनदा पठारी " क्षेत्र में गोली, तलवार और चाकू चलाने का प्रशिक्षण दिया।

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