प्रफुल्ल चाकी भाग - 4

 प्रफुल्ल चाकी का क्रांतिकारी जीवन 

क्रांतिकारी स्वामी ब्रह्मानंद ने ही प्रफुल्ल चाकी में देशभक्ति और देश पर बलिदान होने की भावना भरी। ब्रह्मानंद ने अन्य विद्यार्थियों उपेंद्र बनर्जी, उल्लासकर दत्त,सतीशचंद्र सरकार और विभूति भूषण सरकार आदि।

उस समय पटना के प्रसिद्ध वकील केदारनाथ बनर्जी की पत्नी हिमांगनी देवी " संगठन" को आर्थिक सहायता पहुंचाती और डॉ. जे. एन. मित्रा इन पांचों को " पंच पांडव" कहते थे।


डॉ. जे. एन. मित्रा और सतीशचंद्र सरकार ने ही प्रफुल्ल , उपेंद्र, उल्लासकर दत्त और विभूति का परिचय हिमांगनी देवी से कराया था। वह तभी से उनको आर्थिक सहयोग कर रही थी। 


वारिंद्र कुमार घोष , प्रफुल्ल चाकी पर बहुत भरोसा करते थे। जब वारिंद्र ने 1907 में " मानिकतल्ला " में गुप्त रूप से बम फैक्ट्री शुरू की तब, प्रफुल्ल को भी वहां बुलाकर एक महत्त्वपूर्ण काम सौंपा ।तत्कालीन बंगाल और आसाम के लेफ्टिनेंट गवर्नर " बूम फील्ड " की हत्या का जिम्मा प्रफुल्ल को सौंपा। लेकिन किसी कारण ये नहीं हो सका था। 

Comments

Popular posts from this blog

युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ

किस ऋषि का विवाह 50 राजकुमारियों से हुआ था ?

पुराणों में इंद्र, सप्तऋषि मनु और मन्वन्तर क्या है ?