खुदीराम बोस भाग - 1

 प्रारंभिक जीवन

खुदीराम बोस का जन्म 8 दिसम्बर, 1889 को मंगलवार के दिन शाम के 5 बजे, मिदनापुर, कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता का नाम त्रैलोक्य प्रसाद बसु था। 



खुदीराम से बड़ी उनकी तीन बहनें और थी। जिनका नाम अपरूपा ,सरोजनी और नैनी बाला था। 

बंगाल में बसु को बोस कह कर भी संबोधित किया जाता था। 


बाद में खुदीराम के पिता मोहबनी गाँव को छोड़ कर मिदनापुर शहर के हबीबपुर मुहल्ले में आकर बस गए। यहां आकर उन्होंने "नारजोल राजा" के दरबार में तहसीलदार के पद पर कार्यरत हो गए। 


इनका विवाह लक्ष्मीप्रिया देवी से हुआ था, जो केशवपुर थाना के कलाग्राम गाँव के दुखी रामदास की बेटी थी। 


खुदीराम की बड़ी बहन अपरूपा का विवाह 1890 में हाटगछीया के 'अमृतलाल ' से हुआ था। 


18 अक्टूबर ,1895 में बिमारी के कारण खुदीराम की माता की मृत्यु हो गई। 


उनकी माता की मृत्यु के एक वर्ष बाद उनके पिता ने दूसरा विवाह कर लिया और 14 फरवरी ,1896 को बीमारी के कारण उनका भी देहांत हो गया।  


पिता की मृत्यु के बाद खुदीराम की बड़ी बहन अपरूपा खुदीराम और छोटी बहन नैनीबाला को अपने साथ अपने ससुराल ले गयी। 

शिक्षा 

खुदीराम और उनके भांजे का दाखिला तामलुक के "तामलुक हैमिल्टन इंग्लिश स्कूल " में करा दिया गया। तामलुक में छठी कक्षा तक पढ़ाई की।


1904 में खुदीराम और ललित का दाखिला मिदनापुर के कॉलेजिएट स्कूल में सातवीं कक्षा में करा दिया गया। 


यहीं खुदीराम को पैरेलल वार से उन्हें खास लगाव था और वे इस स्कूल में व्यायाम भी करने लगे।

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