महाभारत से, भीष्म पितामह की कुछ खास बातें !
1) भीष्म (देवव्रत) को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। वो जब तक मरना ना चाहे ,वो जीवित रह सकते थे।
2) भीष्म पितामह का जन्म के बाद नाम देवव्रत रखा गया था।
2) भीष्म पितामह का जन्म के बाद नाम देवव्रत रखा गया था।
3) भीष्म अपने पूर्व जन्म में द्यौ नामक वसु थे। उन्होंने वशिष्ठ मुनि की गाय चुराई थी इसी कारण वशिष्ठ मुनि ने उन्हें मनुष्य योनि में जन्म लेने का श्राप दिया था।
4) भीष्म पितामह की माता का नाम गंगा और पिता का नाम शांतनु था।
5) भीष्म ने आजीवन विवाह ना करने और ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा ली थी।
6) भीष्म ने अपनी मृत्यु का उपाय स्वयं ही श्री कृष्ण और अर्जुन को बताया था।
7) भीष्म युद्ध शुरू होने के नौ दिनों तक लड़ते रहे और दसवें दिन अर्जुन ने शिखंडी को आगे करके बाण चलाया।
8) शिखंडी पूर्व जन्म में काशी नरेश की पुत्री अंबा थी यह बात भीष्म जानते थे इसलिए शिखंडी के ऊपर भीष्म ने बाण नहीं चलाया और अर्जुन द्वारा उनकी हार हुई।
9) भीष्म पितामह को बाण लगने के बाद 58 दिन तक वह जीवित रहे।

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