महाभारत में किसको क्या श्राप मिला ? - भाग 1
महाभारत के अनुसार परीक्षित से लेकर श्री कृष्ण तक सभी को मिले श्राप -
1) श्रृंगी ऋषि का परीक्षित को श्राप
एक बार राजा परीक्षित शिकार करने जंगल में गए और एक हिरन का पीछा करते हुए बहुत दूर निकल गए।
वे 60 वर्ष के हो चुके थे इसीलिए वह काफी थक गए और उन्हें भूख और प्यास लग गई। वहां उन्होंने ऋषि शमिक को देखा।
ऋषि शमिक ने मौन (कुछ न बोलने का व्रत) धारण किया था। राजा ने कई बार उनसे प्रश्न किया परंतु मौन व्रत के कारण उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
जब ऋषि शमिक के पुत्र श्रृंगी को यह पता चला तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि -
" जिसने मेरे निरपराध पिता के कंधे पर मरा हुआ सांप डाल दिया,उस दुष्ट को तक्षक नाग क्रोध करके अपने विष से सात दिन के भीतर ही जला देगा। "
2) गांधारी का श्री कृष्ण को श्राप
युद्ध समाप्त होने के बाद गांधारी जब कुरुक्षेत्र में गई तब अपने सभी पुत्रों,भाई, दामाद और बाकी सभी के शवों को देखा।
तब उन्होंने सोचा, श्री कृष्ण अगर चाहते तो यह नरसंहार रुक सकता था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और इसी बात के क्रोध के कारण ही उन्होंने कहा -
मैंने अपने पति की सेवा करके जो तप संचय किया है। उसी के प्रभाव से मैं तुम्हें (श्री कृष्ण) श्राप देती हूं कि -
" तुमने कौरव और पांडवों दोनों भाइयों के आपस में प्रहार करते समय उनकी उपेक्षा कर दी थी। इसलिए तुम भी अपने बंधु ,बांधवों, मंत्री और पुत्रों का भी
नाश हो जाने पर , तुम भी एक साधारण कारण से अनाथ की तरह मारे जाओगे।
आज जैसे भरत वंश की स्त्रियां विलाप कर रही है उसी तरह तुम्हारे वंश की स्त्रियां भी अपने प्रियजनों के लिए विलाप करेंगी। "


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