महाभारत की कथा, सबसे पहले किसने किसको सुनाई ?

लोमहर्षण के पुत्र उप्रश्रवा सुतवंश के श्रेष्ठ पौराणिक थे।

एक बार जब नैमिषारण्य में कुलपति शौनक जी 12 वर्ष का सत्संग - सत्र कर रहे थे।

तब उप्रश्रवा जी उनके यहां आए और उनका उचित आदर सत्कार किया।



तब शौनक जी ने उनसे पूछा कि - आप कहां थे ?

उप्रश्रवा जी ने कहा - मैं परीक्षित नन्दन राजश्री जनमेजय के सर्प सत्र में गया हुआ था।

वहां श्री वैशम्पन जी के मुंह से मैंने महाभारत की विचित्र कथा सुनी जो श्री वैशम्पन जी ने राजा जनमेजय को सुनाई थी।

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