महाराज शांतनु के कितने विवाह हुए थे ?

शांतनु -

शांतनु के पिता का नाम प्रतिप और माता का नाम सुनंदा था।

प्रतीप और सुनंदा के तीन पुत्र थे - देवापी, शांतनु और बाह्रीप।

महाराज शांतनु के दो विवाह हुए थे। उनकी पहली पत्नी का नाम गंगा और दूसरी पत्नि का नाम सत्यवती था।

1) गंगा -

एक बार राजा शांतनु शिकार खेलते - खेलते गंगा के तट पर पहुंचे। वहाँ पर उन्होंने गंगा को देखा और विवाह करने की इच्छा जताई।




तब गंगा ने कहा कि - "मैं एक शर्त पर तुमसे विवाह करूंगी। मैं अच्छा, बुरा जो भी करूं, तुम मुझे रोकोगे नहीं।
 जब तक तुम मेरी ये शर्त पूरी करोगे तब तक मैं तुम्हारे पास रहूंगी। जिस दिन तुम मुझे रोकोगे उस दिन मैं आपको छोड़ कर चली जाऊंगी। "

राजा ने यह शर्त स्वीकार कर ली और गंगा के साथ अपने राजमहल लौट आए। 

महाराज शांतनु और गंगा के पुत्र 8 पुत्र थे। जिनमें से 7 की मृत्यु हो गई थी और उनकी 8 वीं संतान देवव्रत (जिन्हें भीष्म भी कहते है) थे।

2) सत्यवती -

एक दिन राजश्री शांतनु यमुना नदी के किनारे वन में विचरण कर रहे थे। वहाँ  शांतनु ने एक सुंदर कन्या की देखा। राजा ने उस कन्या से पूछा - की तुम कौन हो ?


कन्या ने कहा - मैं निषाद कन्या हूं और पिता की आज्ञा से नाव चलाने वाली हूं। मेरा नाम सत्यवती  है।

राजा तब शांतनु ने सत्यवती से विवाह इच्छा जाहिर की और उनके पिता से बात की। 

सत्यवती  के पिता ने राजा से विवाह के लिए एक शर्त रखी।
निषादराज ने कहा - कि

 "आपका और  सत्यवती  का बेटा ही आगे चलकर राजा बनेगा, अगर आप यह वचन करेंगे तो खुद मैं आपके साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दूंगा।"

इसके बाद सत्यवती और शांतनु का विवाह हो गया।

सत्यवती और शांतनु के दो पुुत्र थे। चित्रांगद और विचित्रविर्य।

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