सुखदेव भाग - 2
शिक्षा
सुखदेव ने सनातन धर्म स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा पास की और नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। इस कॉलेज के मुख्य संस्थापकों में से लाला लाजपत राय थे।
भाई परमानंद जो कि एक विद्रोह के सिलसिले में सजा काट चुके थे , कॉलेज की व्यवस्था भी देखते थे। वे अपने अंडमान के बंदी जीवन की कथा सुनाते थे और छात्रों में अंग्रजी शासन क्रूरता की कहानियाँ बताते।
दूसरे थे प्रोफ़ेसर जयचंद विद्यालकार जिनसे युवकों को आज़ादी के संघर्ष में कूदने की प्रेरणा मिली , उनमें भगत सिंह सुखदेव प्रमुख थे। इनके पास बंगाल के क्रांतिकारी भी आया करते थे। सुखदेव उन्ही के माध्यम से क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आए।
सन् 1925 में सुखदेव बी. ए. फाइनल ईयर के छात्र थे और भगत सिंह के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों में संलग्न रहते थे
इसी दौरान उन्होंने रूस, फ्रांस और इटली की राज्यक्रांतियो का अध्ययन किया। भगत सिंह के बाद अगर समाजवाद पर किसी ने पढ़ा और मनन किया था तो वो सुखदेव थे।
लाला चिंताराम के देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना से भरे जीवन ने हुई सुखदेव का चरित्र निर्माण किया और वे स्वतंत्रता के आंदोलन में शामिल हो गए।
कॉलेज के जमाने में ही भगत सिंह और सुखदेव ने एच.आर. ए. ( गुप्त संगठन ) का पर्चा छापा।
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