राम प्रसाद "बिस्मिल"भाग - 9
पहला हमला
22 जनवरी को जब बिस्मिल जी प्रयाग (इलाहाबाद) में थे। उसी दिन अपने नित्य कर्म से निवृत्त होकर बिस्मिल जी यमुना नदी के निकट बैठे आंखे बंद करके ध्यान कर रहे थे। तभी अचानक गोली चली। गोली बिस्मिल जी के कान के पास से निकल गई।
कुछ दिन पहले बिस्मिल जी और गोली चलाने वाले व्यक्ति से लड़ाई हुई थी। एक के बाद एक तीन गोलियां बिस्मिल जी पर चलायी गई। जिससे बिस्मिल जी बाल बाल बच गए।
दुसरी बार हमला
एक गुप्त समिति के नियमों में फेर बदल को लेकर समिति के सदस्यों और बिस्मिल जी के विचारों में मतभेद हो गए। जिसके कारण समिति के तीन चार सदस्यों ने बिस्मिल जी को जान से मारने की योजना बनायी , लेकिन उनमें से ही एक सदस्य ने बिस्मिल जी को सारी बात बता दी। जिससे बिस्मिल जी की जान बच गई।

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