ऊधमसिंह भाग - 6
ऊधमसिंह से जुड़ी कुछ बातें
1) इंग्लैंड की पुरानी बेरी कोर्ट ने ऊधमसिंह को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।
2) ऊधमसिंह को लंदन की ब्रिक्स्टन जेल में बंद किया गया था।
3) ऊधमसिंह ब्रिक्स्टन जेल में कैदी नंबर 1010 था।
4) जेल से लिखें हुए अपने पत्रों में उन्होंने लिखा था कि जब उन्हें कोई कैदी नाम से बुलाता था तो वो कहते थे कि " मैं कैदी नहीं हूं। मैं तो इंग्लैंड की महारानी का सरकारी मेहमान हूं। वे मेरे आराम का बहुत ध्यान रखती है। "
5) न्यायाधीश द्वारा ऊधमसिंह का नाम पूछे जाने पर ऊधमसिंह ने जवाब दिया,"मेरा नाम ऊधमसिंह नहीं है। मेरा नाम राम मोहम्मद सिंह आजाद है।"
6) जेल से ऊधमसिंह ने अपने दोस्तों को लिखें पत्र में लिखा था कि उन्हें कानून से बचाने के लिए न तो कोई प्रयास किये जाएं और न धन खर्च किया जाय। इसके बजाय उर्दू और पंजाबी में लिखी कुछ अच्छी किताबें , खास तौर पर भारतीय इतिहास से संबंधित पुस्तकें ,उन्हें पढ़ने के लिए भेजी जाय।
7) जब जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ , उस दिन ऊधमसिंह 19 वर्ष 4 माह और 18 दिन के थे।
8) श्री बांके दयाल और मौलवी अब्दुल हक द्वारा गाया जाने वाला गान " पगड़ी संभाल ओ जट्टा " जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के बाद पंजाब में इतना प्रसिद्ध हो गया था कि अंग्रेज सरकार इस पर प्रतिबंध लगाना चाहती थी।

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