राजेंद्रनाथ लाहिड़ी भाग - 1
प्रारंभिक जीवन
राजेंद्रनाथ लाहिड़ी का जन्म बांग्लादेश के सुदूरपुर के पबना नामक स्थान पर 29 जून 1901 में हुआ था।
राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के पिता का नाम क्षिति मोहन लाहिड़ी और माता का नाम बसंत कुमारी था। लाहिड़ी के जन्म के समय उनके पिता और उनके बड़े भाई बंगाल में चल रही अनुशीलन दल की गुप्त गतिविधियों में योगदान देने के आरोप में कारावास में थे।
लाहिड़ी पढ़ने - लिखने के साथ तरह - तरह के खेल - कूद, तैरना , हॉकी और फुटबॉल में भी निपूर्ण थे।
काकोरी काण्ड के समय राजेंद्रनाथ लाहिड़ी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में एम. ए की पढ़ाई कर रहे थे। वही पर उनकी भेंट शचींद्रनाथ सान्याल से हुई।
लाहिड़ी लगभग 18 साल बनारस में रहे। लाहिड़ी दशाश्वमेध घाट के पास मकान नंबर डी 17 /142 में रहते थे।
उनके लेख अक्सर बंगला पत्र "बंगवाणी" ,"शंख " आदि मे प्रकाशित होते थे।
बनारस के क्रान्तिकारियों के पत्र "अग्रदूत" (हस्तलिपि) के वे एक प्रकार के प्रवर्तक थे।
गिरफ्तारी के समय वे हिंदू बनारस विश्वविद्यालय के "बंगला साहित्य परिषद् " के मंत्री थे।
राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को 17 दिसंबर 1927 के दिन सुबह 6 बजे गोण्डा जेल में फांसी दी गई थी।

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