शक राजा खरउस्त के तांबे के सिक्के !
खरउस्त के तांबे के सिक्के -
खरउस्त के केवल तांबे के सिक्के मिले है जो दो प्रकार के है ।
1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज की मूर्ति और दूसरी ओर सिंह की मूर्ति है।
2) दूसरे प्रकार के सिक्कों सिंह की मूर्ति के बदले में देवमूर्ति है।
इन दोनों प्रकार के सिक्कों पर दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में " छत्रपस प्र खरउस्तस अट्स पुत्रस " लिखा हुआ है।
शक राजा के चांदी के सिक्के !
1) विनोन और स्पलहोर दोनों के सिक्के दो प्रकार के है -
पहले प्रकार के सिक्के चांदी के बने हुए और गोलाकार है। इन पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में वज्र लिए ज्यूपिटर की मूर्ति मिलती है।
दूसरे प्रकार के सिक्के तांबे के बने हुए और चौकोर है। ऐसे सिक्कों पर एक ओर हरक्यूलिस और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है।
2) विनोन और स्पलगदम दोनों के नाम वाले सिक्के भी दो प्रकार के मिले है। वे सब भी सब प्रकार से विनोन और स्पलहोर के चांदी और तांबे के सिक्कों के समान ही है।
तांबे के कुछ सिक्कों पर एक ओर यूनानी भाषा में स्पलहोर का नाम और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में उसके स्पलगदम पुत्र का नाम भी मिलता है।
इस प्रकार के सिक्के भी दो प्रकार के है। एक गोलाकार और दूसरे चौकोर इस प्रकार के कुछ सिक्कों पर स्पालिरिष नामक एक राजा का नाम भी मिलता है।
कुछ सिक्कों पर एक ओर यूनानी अक्षरों में स्पालिरिष का नाम और उपाधि और दूसरी ओर " महरज भ्रत ध्रमियस स्पलिरिशस " लिया हुआ है।
3) इस्लामी दुनिया में पैगंबर के बाद हिजरी 77 यानी 696 ईस्वी में खलीफा ने सिक्का तैयार कराया था।
712 ईस्वी के बाद सिंध विजय करने पर कासिम के गवर्नरों ने भारत में सबसे पहले इस्लामि सिक्के तैयार कराए जो बगदाद की खलीफा की शैली पर बनाए गए थे।
उन पर टकसाल, गवर्नर का नाम और धार्मिक वाक्य खुदे थे।
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