तिब्बत - चीन की संधि कब हुई?
तिब्बत - चीन संधि सन् 821 से 823 ईसवी तिब्बत के राजा , दैवीय प्रतिनिधि ख्री रालपाचेन और चीन के राजा हवांग ते (जो आपस में चाचा भतीजा भी है।) अपने शासित प्रदेशों के संबंध के बारे में विचार विमर्श कर एक महत्वपूर्ण संधि पर समझौते को पारित करने का निर्णय लेते है। भविष्य में आने वाली पीढ़ियां इस समझौते को सदैव याद रखे और उत्सव की तरह मानते रहे। इसलिए इस समझौते को पत्थरों पर अंकित करवा दिया गया। संधियां - 1) तिब्बती राजा ख्री रालपाचेन और चीन के राजा हवांग ते ने तिब्बत और चीन के दोनों राष्ट्र ,एक दूसरे की उन्हीं सीमाओं को मानेंगे जो प्राचीन काल से मान्य है। 2) पूर्व दिशा का सारा क्षेत्र जिधर चीन है चीन का रहेगा और पश्चिम दिशा का सारा क्षेत्र तिब्बत का रहेगा। दोनों राष्ट्रों की सीमाओं पर कभी आक्रमण नहीं होगा। 3) कभी कोई युद्ध नहीं होगा और कोई भी एक दूसरे की भूमि पर कब्जा नहीं करेगा। 4) यदि दोनों के सीमाओं के भीतर किसी संदिग्द्ध व्यक्ति को पाया जाएगा तो उसे तुरंत गिरफ्तार करके पूछताछ की कारवाही की जाएगी। जिसमें दोनों पक्षों के अधिकारी उपस्थित हों...