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Showing posts from January, 2021

शक राजा खरउस्त के तांबे के सिक्के !

  खरउस्त के तांबे के सिक्के - खरउस्त के केवल तांबे के सिक्के मिले है जो दो प्रकार के है । 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज की मूर्ति और दूसरी ओर सिंह की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों सिंह की मूर्ति के बदले में देवमूर्ति है। इन दोनों प्रकार के सिक्कों पर दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में " छत्रपस प्र खरउस्तस अट्स पुत्रस " लिखा हुआ है। शक राजा के चांदी के सिक्के ! 1) विनोन और स्पलहोर दोनों के सिक्के दो प्रकार के है - पहले प्रकार के सिक्के चांदी के बने हुए और गोलाकार है। इन पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में वज्र लिए ज्यूपिटर की मूर्ति मिलती है। दूसरे प्रकार के सिक्के तांबे के बने हुए और चौकोर है। ऐसे सिक्कों पर एक ओर हरक्यूलिस और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है। 2) विनोन और स्पलगदम दोनों के नाम वाले सिक्के भी दो प्रकार के मिले है। वे सब भी सब प्रकार से विनोन और स्पलहोर के चांदी और तांबे के सिक्कों के समान ही है। तांबे के कुछ सिक्कों पर एक ओर यूनानी भाषा में स्पलहोर का नाम और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में उसके स्पलगदम पुत्र का नाम भी मिल...

शक राजा जिहुनिय के तांबे के सिक्के !

  जिहुनिय के दो प्रकार के तांबे के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर एक सांड और दूसरी ओर एक सिंह की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी और दूसरी ओर सांड की मूर्ति है।

शक राजा जिहुनिय के चांदी के सिक्के !

  जिहुनिय के चांदी के सिक्के - चांदी के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर नगर देवता के द्वारा राजा के अभिषेक का चित्र है।  इन सब सिक्कों पर दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में " मणिगुलस छत्रपस पुत्रस छत्रपस जिहुनिअस " लिखा हुआ है।

शक राजा अवदगश के मिश्रित धातु और तांबे के सिक्के !

गुदुफर के बाद अवदगश (Abdagases) नामक राजा हुआ जो गुदुफर का भतीजा था। इनके दो प्रकार के मिश्र धातुओं के सिक्के और एक प्रकार के तांबे के सिक्के मिले है। 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार  राजा की मूर्ति  और दूसरी ओर विजया देवी को हाथ में लेकर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है।  इन दोनों प्रकार के सिक्कों पर एक ओर यूनानी अक्षरों में अवदगश का नाम और उपाधि और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में " महर जस रजतिरजस गदफर भ्रतपुत्रस अवदगश " लिख हुआ है। तांबे के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है। लेकिन उसमें खरोष्ठी अक्षरों में " गदफर भ्रतपुत्रस " विशेषकर नहीं मिलता है।

शक राजा गुदुफर के तांबे के सिक्के !

 गुदुफर के तीन प्रकार के तांबे के सिक्के -  1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और दूसरी ओर पालास की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है। ये दोनों प्रकार के सिक्के गोल है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्के चौकोर है और उसमें एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर गुदुफर का चिन्ह या लांछन है।

शक राजा गुदुफर के चांदी के सिक्के !

गुदुफर के चांदी का कोई सिक्का नहीं मिला है कई धातुओं के मेल से और तांबे के बने हुए उनके बहुत से सिक्के मिले है। उनके मिश्र धातुओं के बने हुए सिक्के सात प्रकार के है। 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज मूर्ति और दूसरी ओर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर ज्यूपिटर की मूर्ति के बदले में पालास की मूर्ति है। इन दोनों प्रकार के सिक्कों पर यूनानी और खरोष्ठी दोनों अक्षरों को गुदुफर का नाम और उपाधि दी हुई है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। लेकिन खरोष्ठी अक्षरों में " जयतस एतरस इंद्रवर्मपुत्रस स्त्रतेगस अस्पवर्मस " लिखा हुआ है। 4) चौथे और पांचवें प्रकार के सिक्कों पर दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में गुदुफर के नाम और उपाधि के बाद "सस " नामक राजा का नाम मिलता है।  यह "सस " सेनापति अस्पवर्मा का भतीजा था। 5) पांचवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजमूर्ति और दूसरी ओर विजया देवी को हाथ में लेकर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 6) छठे प्रकार के...

शक राजा अयिलिप के सिक्के ! भाग- 2

अयिलिप के 12 प्रकार के तांबे सिक्के के मिले है, जिनमें से 7 प्रकार के सिक्के प्राय: देखने को मिलते है- 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पत्थर की चट्टान पर बैठे हुए नंगे हरक्यूलस की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर खड़े हुए हरक्यूलस की मूर्ति और दूसरी ओर एक घोड़े की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर दूसरी ओर घोड़े के बदले में सांड की मूर्ति है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर सांड के बदले में हाथी की मूर्ति है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी की मूर्ति और दूसरी ओर सांड की मूर्ति है। 6) छठे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर खड़े हुए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर देवी की मूर्ति है। 7) सातवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर खड़े यूनानी देवता हेफाइस्टस (Hephaistos ) की मूर्ति और दूसरी ओर एक सिंह की मूर्ति है।

शक राजा अयिलिप के सिक्के ! भाग- 1

अब तक अयिलिप के दस प्रकार के सिक्के मिले है जो सबके सब गोलाकार है। 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज मूर्ति और दूसरी ओर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर विजया देवी को हाथ में धारण किए खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में शूल तथा ताल वृक्ष की शाखा लिए हुए दो सवार (Diodkouroi) है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर विजया देवी  को हाथ में लिए सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति और दूसरे प्रकार के सिक्कों की तरह दो सवारों की मूर्ति है।  4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में शूल लिए हुए दो सैनिकों की मूर्ति है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पालास की मूर्ति है।

शक राजा अय अन्य सिक्के ! भाग- 2

6) छठे प्रकार के सिक्कों पर पालास की मूर्ति के बदले में लक्ष्मी देवी की मूर्ति है। 7) सातवें प्रकार के सिक्कों पर लक्ष्मी देवी की मूर्ति के बदले में किसी अज्ञात देवता और देवी की मूर्ति है। 8) आठवें प्रकार के सिक्कों पर देवता और देवी की मूर्तियों के बदले में नगर देवता की मूर्ति है 9) नवें प्रकार के सिक्कों पर नगर देवता की मूर्ति के बदले में हाथ में तालवृक्ष की शाखा लिए हुए देवी की मूर्ति है। 10) दसवें प्रकार के सिक्कों में देवता और देवी की मूर्तियों के बदले हाथ में शूल लेकर खड़े हुआ सैनिक की मूर्ति है।

शक राजा अय के अन्य सिक्के ! भाग- 1

  इसके अलावा अय के और दो प्रकार के तांबे के दुष्प्राप्य सिक्के है - चांदी और तांबे के कई सिक्कों पर एक ओर यूनानी राजा अक्षरों में अय का नाम और उपाधि तथा दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में अयिलिप का नाम और उपाधि है। इनमें तीन प्रकार के चांदी के और एक प्रकार के तांबे के सिक्के मिलते है। 1) पहले प्रकार के चांदी के सिक्कों में एक ओर घोड़े पर सवार और हाथ में शूल लिए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में ताल वृक्ष की शाखा लिए हुए देवी की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों में दूसरी ओर हाथ में ताल वृक्ष की शाखा लिए हुए देवी की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथ में चाबुक लिए हुए घोड़े पर सवार राज मूर्ति और दूसरी ओर विजया देवी को हाथ में लिए खड़े ज्यूपिटर की मूर्ति है। तांबे के सिक्कों पर एक ओर हरक्यूलिस की मूर्ति और दूसरी ओर घोड़े की मूर्ति थे।

शक राजा अय के तांबे के सिक्के ! भाग-3

17) सत्रहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर ऊंट पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर चंवर की मूर्ति है। वह भी चौकोर है। 18) अठारहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर लक्ष्मी देवी की मूर्ति और दूसरी ओर सांड की मूर्ति है। 19) उन्नीसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर यूनानी देवता हेफाइस्टस (Hephaistos) और दूसरी ओर एक सिंह की मूर्ति है। यह चौकोर है। 20) बीसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर एक सिंह की मूर्ति है। 21) इक्कीसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर एक उच्चासन पर बैठे हुए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पालास की मूर्ति है। 22) बाईसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी और दूसरी ओर सिंह की मूर्ति है। 23) तेईसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा की मूर्ति और दूसरी ओर विजया देवी को हाथ में लिए हुए खड़े ज्यूपिटर की मूर्ति है। तेईसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर यूनानी अक्षरों में और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में अय का नाम और उपाधि दी हुई है। 24) चौबीसवें प्रकार के सिक्के गोलाकार है उन पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और यूनानी अक्षरों में और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में ...

शक राजा अय के तांबे के सिक्के ! भाग-2

 9) नवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हरक्यूलिस और दूसरी ओर एक घोड़े की मूर्ति है। 10) दसवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज मूर्ति और दूसरी ओर पत्थर के चट्टान पर बैठे हुए हरक्यूलिस की मूर्ति है। 11) ग्यारहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज मूर्ति और दूसरी ओर खड़े हुए हरक्यूलिस की मूर्ति है। 12) बारहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सांड और दूसरी ओर सिंह की मूर्ति है। 13) तेरहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी और दूसरी ओर सांड की मूर्ति है। 14) चौदहवें प्रकार के सिक्कों पर भी इसी तरह है पर वह चौकोर है। 15) पंद्रहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर एक सांड की मूर्ति है। यह भी चौकोर है। 16) सोलहवें प्रकार का सिक्का भी ऐसा ही है, लेकिन वह गोलाकार है।

शक राजा अय के तांबे के सिक्के ! भाग-1

अय के 24 प्रकार के तांबे के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर उच्च आसन पर बैठे हुए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर यूनानी देवता देवता हरमिस (Hermes) की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सिंहासन पर बैठे डिमिटर (Demeter) की मूर्ति और दूसरी ओर हरमिस की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हरमिस की और दूसरी ओर डिमिटर की मूर्ति है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सिंह और दूसरी ओर डिमिटर की मूर्ति है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर डिमिटर की मूर्ति है। ये पांचों प्रकार के सिक्के गोलाकार है। 6) छठे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर वरुण और दूसरी ओर एक स्त्री की मूर्ति है। 7) सातवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर गदाधारी देवमूर्ति और दूसरी ओर देवी की मूर्ति है। 8) आठवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राज मूर्ति और दूसरी ओर पालास की मूर्ति है।

शक राजा अय के सिक्के ! भाग-3

8) आठवें प्रकार के सिक्कों पर पालास दाहिनी ओर खड़ा है। 9) नवें प्रकार के सिक्कों पालास दोनों हाथों में मुकुट लिए हुए उसे अपने मस्तक पर धारण कर रहा है। 10) दसवें प्रकार के सिक्कों पर पालास के बदले वरुण (Poseidon ) की मूर्ति है। 11) ग्यारहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार हाथ में शूल लिए हुए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में ताल वृक्ष की शाखा लिए हुए देवी की मूर्ति है। 12) बारहवें प्रकार के सिक्कों पर देवी के हाथ में ताल वृक्ष की शाखा के बदले त्रिशूल है। 13) तेरहवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर ज्यूपिटर की और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है।

शक राजा अय के सिक्के ! भाग-2

अय के तेरह प्रकार के चांदी के सिक्के- 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर घोड़े पर सवार हाथ में शूल लिए हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर ज्यूपिटर के हाथ में राजदंड के बदले में वज्र है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर वज्र चलाने के लिए तैयार ज्यूपिटर की मूर्ति है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथ में चाबुक लिए और घोड़े पर सवार होकर राज मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में विजया देवी को लिए हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार हाथ में शूल लिए हुए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर हाथ में वज्र लिए हुए पालास की मूर्ति है। 6) छठे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथ में चाबुक लिए घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पालास की मूर्ति है। पालास बाई ओर खड़ा है। 7) सातवें प्रकार के सिक्कों पर पालास अपने दोनों हाथ फैलाए हुए खड़ा है।

शक राजा अय के सिक्के ! भाग-1

अय का न तो कोई खुदा हुआ लेख मिलता है और न किसी पश्चिमी अथवा पूर्वी ऐतिहासिक ग्रंथ में उसका कोई उल्लेख नहीं मिलता है। लेकिन अय के कई प्रकार के सिक्के मिले है।  विंसेंट स्मिथ के अनुसार अय नाम के दो राजा हुए थे। लेकिन हाइट हेड इस बात को नहीं मानते। सर जॉन मार्शल ने तक्षशिला के खंडहरों में से खरोष्ठी लिपि में खोदा हुआ चांदी का पत्तर या लेख ढूंढा था, उसे देखने से पता चलता है कि अय ने एक संवत् चलाया था और खुषण (कुषण) वंशीय किसी राजा के राजत्वकाल में इस संवत् 135 वें वर्ष में तक्षशिला के निवासी एक व्यक्ति ने एक स्तूप में भगवान् बुद्ध की शरीरांश रखा था। 

शक राजा मोग के तांबे के सिक्के !

 मोग के 14 प्रकार के तांबे के सिक्के - 1) पहले प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर हाथी का मस्तक और दूसरी ओर ग्रीकदेवता मर्करी के हाथ का दंड (Caduceus ) है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों में एक ओर ग्रीक देवता आर्तमिस और दूसरी ओर वृष या सांड की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर चन्द्र देवता और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सिंहासन पर बैठें हुए ज्यूपिटर की मूर्ति और दूसरी ओर नगर देवता की मूर्ति है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर ज्यूपिटर और एक किसी दूसरे देवता की मूर्ति और दूसरी ओर किसी और देवता की मूर्ति है। 6) छठे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर अपोलो और दूसरी ओर त्रिपद वेदी है। 7) सातवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर वरुण (Poseidon) और दूसरी ओर एक स्त्री की मूर्ति है। इस प्रकार के सिक्कों के दो उपविभाग है। पहले विभाग में वरुण के हाथ में त्रिशूल और दूसरे विभाग में उसके बदले वज्र मिलता है। 8) आठवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर गदाधारी देवमूर्ति और दूसरी ओर देवमूर्ति है। 9) नवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर घोड़े पर सवार राजमूर्ति ...

शक राजा मोग के चांदी के सिक्के !

  मोग अथवा मोअ के दो प्रकार के चांदी के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथ में राजदंड लिए ज्यूपिटर की मूर्ति और दूसरी ओर विजया देवी को हाथ में लेकर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सिंहासन पर बैठी हुई देवी की मूर्ति और दूसरी ओर विजया देवी को हाथ में लेकर खड़े हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है।

यूनानी राजा हेरमय के तांबे के सिक्के !

हेरमय के चार प्रकार के तांबे के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और दूसरी ओर एक घोड़े की मूर्ति है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और यूनानी भाषा में राजा का नाम और उपाधि और दूसरी ओर मुकुट पहनें हुए ज्यूपिटर की मूर्ति और खरोष्ठी अक्षरों और प्राकृत भाषा में "कुजुलकससकसण यवुगसध्रम ठिदस " लिखा है।

यूनानी राजा हेरमय के चांदी के सिक्के !

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  हेरमय के तीन प्रकार के चांदी के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा और उनकी स्त्री " कलियप " (Kalliope) की मूर्ति और दूसरी ओर घोड़े पर सवार राजा की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर शिरस्त्राण पहने हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर शिरस्त्राण पहने हुए राजा के मस्तक के बदले में मुकुट पहनें हुए राजा का मस्तक है।

यूनानी राजा अमित के तांबे के सिक्के !

 अमित के एक प्रकार के तांबे के सिक्के - इनके तांबे के सिक्कों पर एक ओर राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है। ये सिक्के चौकोर है।

यूनानी राजा अमित के चांदी के सिक्के !

अमित के दो प्रकार के चांदी के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा की मूर्ति और दूसरी ओर ज्यूपिटर की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथ में राजदंड लिए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है।

यूनानी राजा आंतिमख के चांदी और तांबे के सिक्कें!

  आंतिमख के एक प्रकार के चांदी के सिक्के और एक प्रकार के तांबे के सिक्के मिले है।  चांदी के सिक्कों पर एक ओर विजया देवी और दूसरी ओर घुड़सवार की मूर्ति है।  तांबे के सिक्कों पर एक ओर राक्षस का मुख (Gorgon's Head) और दूसरी ओर माला है।

यूनानी राजा जोइल के तांबे के सिक्के !

  जोइल के तीन प्रकार के तांबे के सिक्के है -  1) पहले प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर अपोलो की मूर्ति और दूसरी ओर त्रिपद वेदी है।  2) दूसरे प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर हाथी की मूर्ति और दूसरी ओर त्रिपद वेदी है।  3) तीसरे प्रकार प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर सिंह के चमड़े का शिरस्त्राण पहने हुए हरक्यूलिस का मस्तक और दूसरी ओर कोषबद्ध धनु और गदा है।

यूनानी राजा जोइल के चांदी के सिक्के !

  जोइल के दो प्रकार के चांदी के सिक्के - 1) पहले प्रकार के चांदी के सिक्कों पर एक ओर राजा का मस्तक और दूसरी ओर हरक्यूलिस की मूर्ति और दूसरे प्रकार के सिक्कों पर हरक्यूलिस की मूर्ति के बदले में पैलास की मूर्ति है।

यूनानी राजा मेनंद्र के छ: प्रकार के तांबे के सिक्के ! भाग 2

1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर चक्र और दूसरी ओर तालवृक्ष की शाखा है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर हरक्यूलिस का सिंहचर्म है।  3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी और दूसरी ओर अंकुश है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सूअर का मस्तक और दूसरी ओर तालवृक्ष की शाखा है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर वाहीक देश के ऊंट की मूर्ति और दूसरी ओर बैल का सिर है। 6) छठे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का नाम और दूसरी ओर खरगोश है।

यूनानी राजा मेनंद्र के तांबे के सिक्के ! भाग 1

  मेनंद्र के सात प्रकार के तांबे के सिक्के है-  1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर यूनानी देवता पैलास और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर शिरस्त्राण पहने हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर ‌चर्म पर राक्षस का मुख है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सांड की मूर्ति और दूसरी ओर त्रिपद वेदी है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहने हुए राजा का मुख और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति  है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर शिरस्त्राण पहने हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है।  6) छठे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी का मस्तक और दूसरी ओर एक गदा है। 7) सातवें प्रकार के सिक्कों पर एक ओर योद्धा के वेश में राजा की मूर्ति और दूसरी ओर एक बाघ की मूर्ति है। इसके अलावा मेनंद्र के तांबे के कुछ सिक्के दुष्प्राप्य सिक्के भी है। जिनकी सूची हाइटहेड ने दी है। इनमें से छ: प्रकार के सिक्के दूसरी तरह के सिक्के कहे जा सकते है।

यूनानी राजा मेनंद्र के चांदी के सिक्के !

  मेनंद्र के पांच प्रकार के चांदी के सिक्के -  1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर यूनानी देवता पैलास की मूर्ति है।  इनके छोटे और बड़े इस प्रकार दो उपविभाग है। 2) दूसरी ओर शिरस्त्राण पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है। इसके भी छोटे और बड़े दो विभाग है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए और हाथ में शूल लिए हुए राजा का आधा शरीर और दूसरी ओर पैलास की मूर्ति है।  इसके भी छोटे और बड़े तीन उपविभाग है। एक छोटे सिक्कों का ,दूसरा बड़े सिक्कों का और तीसरा उन सिक्कों का जिस पर राजा के मस्तक पर मुकुट के बजाय शिरस्त्राण है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर पैलास की और दूसरी ओर उल्लू की मूर्ति है। 5) पांचवे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर पक्षयुक्त देवमूर्ति है। इन पांच प्रकार के सिक्कों के अलावा मेनंद्र के और दो प्रकार के सिक्के मिले है जो बहुत ही दुष्प्राप्य है। पहले प्रकार के सिक्कों पर एक शिरस्त्राण पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर एक घुड़सवार की मूर्ति और दूस...

यूनानी राजा आपलदत के तांबे के सिक्के !

आपलदत के दो प्रकार के तांबे के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों में एक ओर यूनानी देवता अपोलो और दूसरी ओर एक त्रिपद वेदी है।  इनके भी दो विभाग है। पहले विभाग के सिक्के चौकोर और दूसरे विभाग के सिक्के गोलाकार है। दूसरे विभाग में जो कुछ लिखा है, उसके अनुसार हाइटहेड ने उन सिक्कों के तीन उपविभाग किए है। इस तरह के सिक्कों में से कई सिक्के बड़े और भारी है। पहले विभाग के सिक्कों के भी उनके लेख के अनुसार हाइटहेड ने दो उपविभाग किए है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सांड की मूर्ति और दूसरी ओर त्रिपद वेदी है। आपलदत के कुछ सिक्कों पर केवल खरोष्ठी अक्षर मिलते है। कनिंघम ने बहुत ढूंढने पर दो ग्रंथो में आपलदत के नाम का उल्लेख पाया है।

यूनानी राजा आपलदत के चांदी के सिक्के !

 आपलदत के एबुक्रतिद का पुत्र था। आपलदत नाम के दो राजा हुए है। आपलदत के दो प्रकार के चांदी के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर हाथी और दूसरी ओर सांड की मूर्ति है। ऐसे सिक्कों के दो उपविभाग है। पहले उपविभाग के सिक्के गोलाकार और दूसरे प्रकार के उपविभाग के चौकोर है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मुख और दूसरी ओर यूनानी देवता पैलास की मूर्ति है। इनमें भी दो उपविभाग है। पहले उपविभाग पर Soter " त्राता" उपाधि और दूसरे उपविभाग में Philopator उपाधि है।

यूनानी राजा आन्तिआलिकिद के तांबे के सिक्के !

आन्तिआलिकिद के दो प्रकार के तांबे के सिक्के -  1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर ज्यूपिटर की मूर्ति और मूर्ति और दूसरी ओर दो पिंड और ताल वृक्ष की दो शाखाएं है। इसमें भी दो उपविभाग है- पहले उपविभाग के सिक्के गोलाकार है और दूसरे उपविभाग के सिक्के चौकोर है। 2) दूसरे प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मस्तक और दूसरी ओर हाथी की मूर्ति है। मुद्रतत्व के जानकारों के अनुसार लिसिय के साथ आन्तिआलिकिद का संबंध था, क्योंकि तांबे के एक सिक्के पर एक ओर यूनानी अक्षरों में लिसिय का नाम और दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में आन्तिआलिकिद का नाम है।

यूनानी राजा आन्तिआलिकिद के चांदी सिक्के !

आन्तिआलिकिद के तीन प्रकार के चांदी सिक्के है - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर पगड़ी बांधे हुए राजा का मुख और दूसरी ओर सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति , उनके दाहिने ओर विजया देवी की मूर्ति और एक हाथी की मूर्ति है। ऐसे सिक्कों के दो उपविभाग है- पहले उपविभाग में मुकुट पहनें हुए राजा की मूर्ति और दूसरे उपविभाग में पगड़ी बांधे हुए राजा की मूर्ति है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा मुख और दूसरी ओर ज्यूपिटर, विजया और हाथी की मूर्ति है।

यूनानी राजा आंतिमख के तांबे के सिक्के !

  आंतिमख के तांबे के सिक्के - आंतिमख के तांबे के सिक्के गोलाकार है और उन पर एक ओर हाथी और दूसरी ओर विजया देवी की मूर्ति है।

यूनानी राजा आंतिमख के चांदी के सिक्के !

आंतिमख के तीन प्रकार चांदी के सिक्के - आंतिमख  नाम के दो राजाओं के सिक्के मिले है, इसलिए मुद्रा तत्वविद कहते है कि ये सिक्के प्रथम आंतिमख के है। इन सिक्कों में केवल यूनानी भाषा का व्यवहार है। 1) पहले प्रकार के चांदी के सिक्कों पर दियदास का मुख और नाम और दूसरी ओर वज्र चलाने के लिए तैयार ज्यूपिटर की मूर्ति और आंतिमख का नाम है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर यूथिदिम का मुख और नाम और दूसरी ओर आंतिमख का नाम है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों एक ओर राजा का मुख और दूसरी ओर यूनान देश के वरुण देवता  (Poseidon) की मूर्ति है।

यूनानी राजा अगथुल्केय के तांबे के सिक्के !

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अगथुल्केय के चार प्रकार के तांबे के सिक्के -  1) पहले प्रकार के सिक्के गोलाकार है और उन पर एक ओर दियनिस्त्रियस  (Dionysos) का मुख और दूसरी ओर बाघ की मूर्ति है। इस प्रकार के सिक्कों पर केवल यूनानी भाषा है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर नाचती हुई स्त्री की और दूसरी ओर बाघ की मूर्ति है और इन पर यूनानी और ब्राह्मी दोनों अक्षरों में राजा का नाम और उपाधि है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सुमेरु पर्वत और दूसरी ओर एक बौद्ध चिन्ह है। इस तरह के सिक्कों पर केवल एक ओर खरोष्ठी अक्षरों में "हितजसमे " लिखा है। सुप्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता डॉ॰ वुलर के मत से इसका अर्थ " हितयश का आधार " है। यूनानी भाषा में "Agathocles " शब्द का यही अर्थ है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सुमेरु पर्वत और खरोष्ठी अक्षरों में " अगथुल्केय " और दूसरी ओर बोधि वृक्ष है। अंतिम तीन प्रकार के सिक्के चौकोर है।

यूनानी राजा अगथुल्केय के चांदी के सिक्के !

 यूनानी राजा अगथुल्केय के चांदी, निकल और तांबे के सिक्के मिले है चांदी के सिक्के चार प्रकार के है चारों प्रकार के सिक्कों पर केवल यूनानी भाषा है। 1)  पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर सिकंदर की मूर्ति और नाम और दूसरी ओर सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति और अगथुल्केय का नाम है। 2) दुसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर दियदात का मुख  नाम और दूसरी ओर वज्र चलाने के लिए उद्यत ज्यूपिटर की मूर्ति और अगथुल्केय का नाम है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर युथिदिम का मुख तथा नाम और दूसरी ओर पत्थर पर नंगे बैठे हुए हरक्यूलस की मूर्ति और अगथुल्केय का नाम है। 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मुख और दुसरी ओर ज्यूपिटर और तीन मस्तक वाले हेकेट ( Hecate ) की मूर्ति है। अगथुल्केय के एक प्रकार के निकल के सिक्के मिले है। ये बिल्कुल पंतलेव के निकल के सिक्कों के समान है।

यूनानी राजा पंतलेय के सिक्के !

  पंतलेय ,  अगथुल्केय  और आंतिमख  नामक तीनों राजाओं के सिक्के एबुक्रतिद  के सिक्कों की अपेक्षा पुराने है।  पंतलेय  और अगथुल्केय  ने तक्षशिला के पुराने कर्षापण के ढंग पर तांबे के भारी और चौकोर सिक्के बनवाए। इन लोगों के ऐसे सिक्कों पर यूनानी और ब्राह्मी अक्षरों में राजा का नाम और उपाधि दी हुई है। पंतलेय  के सिक्के के निकल और तांबे के सिक्के मिले है। निकल के सिक्कों पर एक ओर दियनिसियस (Dionysos) का मुख और दुसरी ओर एक बाघ की मूर्ति है। पंतलेय के तांबे के दो प्रकार के सिक्के है - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहनें हुए राजा का मुख और दूसरी ओर सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति।  निकल और पहले प्रकार के सिक्कों पर केवल यूनानी भाषा है। 2) दूसरे प्रकार के तांबे के सिक्के चौकोर है। उन पर एक ओर एक नाचती हुई स्त्री की मूर्ति और दूसरी ओर सिंह अथवा बाघ की मूर्ति है।  इस प्रकार के सिक्कों पर यूनानी और ब्राह्मी दोनों अक्षरों में राजा का नाम और उपाधि दी है।

यूनानी राजा एबुक्रतिद के तांबे के सिक्के !

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यूनानी राजा एबुक्रतिद के मिले पांच प्रकार के तांबे के सिक्के - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मुख और दूसरी ओर दो घुड़सवारों की मूर्ति है। इनके दो उपविभाग है। पहले उपविभाग के सिक्के गोलाकार है और उन पर केवल यूनानी अक्षरों में राजा का नाम और उपाधि दी है। दूसरे उपविभाग के सिक्के चौकोर है और उन पर यूनानी और खरोष्ठी दोनों अक्षर दिए गए है। 2) दूसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर शिरस्त्राण पहने हुए राजा का मुख और दूसरी ओर यूनानी विजया देवी ( Nike ) की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर मुकुट पहने हुए राजा का मुख और दूसरी ओर सिंहासन पर बैठे हुए ज्यूपिटर की मूर्ति है। इस तरह के सिक्कों पर खरोष्ठी अक्षरों में लिखा है- " कविशिये नगर देवता " । 4) चौथे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मुख और दूसरी ओर ताल वृक्ष की दो शाखाएं है। 5) कनिंघम ने पांचवे प्रकार के जिन सिक्कों का आविष्कार किया था, उन पर एक ओर राजा का मुख और दुसरी ओर अपोलो की मूर्ति है।

यूनानी राजा एबुक्रतिद के चांदी के सिक्के !

  यूनानी राजा एबुक्रतिद  ने दिमित्रिय को हराकर उसका राज्य ले लिया था।एबुक्रतिद के पिता का नाम हेलियल्किय (Heliokles) और उनकी माता का नाम लाउडिकी (Laodike) था। एबुक्रतिद के तीन प्रकार चांदी के सिक्के है - 1) पहले प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा का मुख और दूसरी ओर यूनानी देवता अपोलो की मूर्ति है। 2) दुसरे प्रकार के सिक्कों पर अपोलो की मूर्ति के बदले में दो पिंड (Pilei of the diodvui ) है और प्रत्येक पिंड के बगल में ताल वृक्ष की एक - एक शाखा है। 3) तीसरे प्रकार के सिक्कों पर एक ओर राजा की मूर्ति और दूसरी ओर दो घुड़सवार बने है। ऐसे सिक्के दो प्रकार के है-  पहले प्रकार में यूनानी अक्षरों में " Bailbus Eukratidon " लिखा है और दूसरे प्रकार में इन दोनों शब्दों के बीच में "Megalou " लिखा है।

यूनानी राजा दिमित्रिय प्रथम के चांदी के सिक्के!

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दिमित्रिय के दो प्रकार के चांदी के सिक्के - 1) पहले प्रकार के चांदी के सिक्कों पर एक ओर राजा का मुख और दूसरी ओर हरक्यूलिस की युवावस्था की मूर्ति अंकित है। 2) दुसरे प्रकार के चांदी के सिक्कों पर हरक्यूलिस की मूर्ति के बदले मे युनानी देवी पैलास (Pallas) की मूर्ति है। 

यूनानी राजा दिमित्रिय प्रथम के तांबे के सिक्के!

'" दिमित्रिय प्रथम "  युथिदिम का पुत्र और सीरिआ के सिल्यूकवंशी राजा तृतीय आंतियोक का दामाद था। इसी ने सबसे पहले प्राचीन भारतीय सिक्कों के ढंग पर तांबे के चौकोर सिक्कों  का प्रचार किया था और यूनानी खरोष्ठी अक्षरों  में अपना नाम और उपाधि अंकित करायी थी। दिमित्रिय के 6 प्रकार के तांबे के सिक्के   -  1) पहले प्रकार के तांबे के सिक्कों में एक ओर शिरस्त्राण पहने हुए राजा की मूर्ति और दूसरी ओर पक्षयुक्त वज्र गुदा हुआ था। इस तरह के सिक्के चौकोर है और इन्हीं पर सबसे पहले खरोष्ठी अक्षरों और प्राकृतिक भाषा में " महरजस अपरजितस दिमे (त्रियस) वा देमेत्रियुस "  लिखा है। 2) दुसरे प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर सिंह का चमड़ा पहने हुए हरक्यूलिस का मुख और दूसरी ओर युनानी देवी आर्तेमिस (Artemis) की मूर्ति है। 3) तीसरे प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर राक्षसमुखयुक्त डाल वा चर्म और दूसरी ओर एक त्रिशूल बना है। 4) चौथे प्रकार के तांबे के सिक्कों पर एक ओर हाथी का सिर और दूसरी ओर युनानी देवता मर्करी (Mercury) के हाथ का एक विशिष्ठ दंड (Caduceus) बना है। 5) पांचवे प्रकार के त...

प्राचीन काल में चांदी तोलने का तरीका क्या था ?

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 चांदी तोलने की तरीका 2 रत्ती = 1 माषक (मासा ) 32 रत्ती = 16 माषक = 1 धरण या पुराण = 56 ग्रेन 320 रत्ती = 160 माषक = 10 धरण या पुराण = 1 शतमान 

प्राचीन काल में सोना तोलने का तरीका क्या था ?

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 सोना तोलने की तरीका 5 रत्ती = माशा 80 रत्ती = 16 माशा  = 1 सुवर्ण = 144 ग्रेन 320 रत्ती = 64 माशा = 4 सुवर्ण = 1 पल या निष्क 3200 रत्ती = 640 माशा = 40 सुवर्ण = 10 पल या निष्क = 1 धरण 

लोहे, शीशे और टीन के सिक्के कहा इस्तेमाल होते थे ?

1) यूनान देश स्पार्टा नगर में रहने वाले लोग " लोहे के सिक्को "का इस्तेमाल करते थे। 2) 18 वीं और 19 वीं शताब्दी ईसवी तक मलय उपद्वीप में "टिन के सिक्कों " का इस्तेमाल किया जाता था। 3) प्राचीन काल के भारत के दक्षिनापथ के आंध्र राजा लोग " शीशे के सिक्के " बनवाते थे।

ओलंपिक का नाम ओलंपिक क्यों पड़ा ?

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पहले ओलंपिक आधुनिक खेल ग्रीस यानी युनान की राजधानी " एथेंस " में 1896 में आयोजित किए गए थे।  ओलंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इसका नाम ओलंपिक पड़ा।

विक्रम संवत की शुरुआत किसने की और उससे जुड़ी कुछ खास बातें !

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1) भारत के प्रतापी राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने देशवासियों को शकों के अत्याचारी शासन से मुक्त किया था। इस विजय की स्मृति में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से विक्रम संवत् का आरंभ हुआ। 2) प्राचीन काल में नया संवत् चलाने से पहले विजयी राजा के लिए अपने राज्य के लोगों को ऋण मुक्त करना जरूरी होता था। विक्रमादित्य ने भी ऐसा ही किया और अपनी प्रजा का कर्ज राजकोष से चुकाया। 3) विक्रम संवत् की शुरुआत लगभग 57 - 58 ईसा पूर्व से माना जाता है। 4) यह चन्द्र मास और सौर वर्ष पद्धति पर आधारित है। 5) ईस्वी सन् में 56 वर्ष 8 महीने 16 दिन जोड़ देने पर विक्रम संवत् का पता चल जाता है। 6) वासंतिक यानी चैत्र नवरात्र का आरंभ विक्रम संवत् की प्रथम तिथि से होता है। 7) भारत में लगभग सभी पर्व - त्योहार और विक्रम संवत् की गणना पर ही आधारित होते है। 8) ग्रिगेरियन कैलेंडर की तरह हमारे विक्रम संवत् में भी कुल 12 महीने और 365 दिन होते है। 9) हर महीने दो पक्षों शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में बंटा होता है। इन पक्षों का निर्धारण चंद्रमा की स्थिति के आधार पर होता है। 10) जब पूर्ण चन्द्र का दर्शन ...

कितने प्रकार के कैलेंडर होते है ?

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भारत में प्राचीन काल से ही कई तरह के पंचांग (कैलेंडर) प्रचलित है। इसमें प्रमुख है - 1) विक्रम  संवत् 2) शक  संवत्   3) हिजरी  संवत्   4) फसली  संवत्  5) बांग्ला  संवत्   6) बौद्ध  संवत् 7) जैन  संवत्   8) खालसा   संवत्   9) तमिल  संवत् 10) मलयालम  संवत्    11) तेलगु  संवत् देश में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम  संवत्   और शक  संवत्  है।  विक्रम  संवत्  की शुरुआत गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने उज्जयिनी में 58 ईस्वी पूर्व शकों को पराजित करने की याद में की थी।  विक्रम  संवत्  हिन्दी कैलेंडर की पहली तारीख चैत्र मास से शूरू होती है और आखिरी महीना फाल्गुन होता है।

ऐसा देश , जो दुनिया से 7 साल पीछे है !

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1) " इथियोपिया " एक ऐसा देश है जहां नया साल 11 सितंबर को मनाया जाता है। इथियोपिया के " कॉप्टिक कैलेंडर " के हिसाब से मनाया जाता है।  2) पूरी दुनिया में ग्रिगोरियन कैलेंडर के हिसाब से सभी त्योहार मनाते है और इथियोपिया में सभी त्योहार " कॉप्टिक कैलेंडर " के मुताबिक मनाते है। यहां पर साल के 12 की बजाए 13 महीने होते हैं 3) ईसा मसीह का जन्म 7 BC में हुआ था ,इसी हिसाब से यहां दिनों एक गिनती शूरू हुई। जिसके बाद "कॉप्टिक कैलेंडर " का निर्माण किया गया। 4) इथियोपिया में कोई भी त्योहार तब नहीं मनाया जाता है जब पूरी दुनिया वो त्योहार मना रही होती है। इस देश का कैलेंडर दुनिया से 7 साल 3 महीने पीछे चलता है।

नया साल , किस देश में अंगूर खाकर शूरु होता है ?

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1) स्पेन में लोग एक खास जगह " ला पुअर्टा डेल सोल " में इकट्ठे होकर नये साल का इंतजार करते है।  लोग टीवी पर रात के 11 बजकर 59 मिनट 48 सेकड पर उल्टी गिनती सुनते हुए हर एक सेकेंड के लिए एक - एक हरा अंगूर खाते है। 2) जापान में नए साल की शुरुआत अक्सर 21 मार्च को होती है। वहां इसे राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है। 3) फ़्रांस के लोग एक अप्रैल से अपना नया साल शुरू करते है। इस दिन को "अप्रैल फूल " के रूप में मनाया जाता है। 4) थाईलैंड में 13 अप्रैल से 15 अप्रैल तक नया साल मनाया जाता है। यहां के लोग इस दिन एक दुसरे पर पानी डालते है। 5) कैलिफोर्निया (अमेरिका) में हर साल 1 जनवरी को परेड का आयोजन किया जाता है। जिसे " रोज - परेड " कहा जाता है। 6) न्यूयॉर्क में एक स्टील बॉल को 31 दिसंबर को रात 11 बजकर 59 मिनट पर उछाला जाता है और यह 12 बजे वापस आती है। इस बॉल के वापस आते ही नए साल का जश्न मनाया जाता है। 7) चीनी कैलेंडर के मुताबिक , वहां नया साल 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच कभी भी पड़ सकता है। चीनी कैलेंडर चन्द्र गणना पर आधारित होता है। नए साल के पहले दिन को वहां ...