वाल्मीकि रामायण की कुछ ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते है
वाल्मीकि रामायण में कुछ ऐसी बातें है जिनकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को है -
1) रामायण के हर 1000 श्लोक के पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है। गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं और वाल्मीकि रामायण में 24000 श्लोक है।
गायत्री मंत्र सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है।
2) श्री राम की माता कौशल्या कौशल देश की राजकुमारी थी। उनके पिता का नाम सकौशल और उनकी माता का नाम अमृत प्रभा था।
3) श्री राम की एक बहन भी थी जिनका नाम शांता था। वह राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थी। जिनको बचपन में ही कौशल्या की बहन वर्सिनी (जो कि निसंतान थी) और उनके पति गोपद को (जो कि अंग देश के राजा थे) को गोद दे दिया गया था।
4) वाल्मीकि रामायण में सीता जी के स्वयंवर का कोई जिक्र नहीं है। बल्कि विश्वामित्र जी के साथ राम और लक्ष्मण जी के साथ उस शिव धनुष के दर्शन के लिए गए थे और धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा दी जिससे वह टूट गया। वह धनुष भगवान शिव का था और उस धनुष का नाम पिनाक था।
5) जब रावण सीता जी का हरण करके ले गया था तब सीता जी ने अन्न जल का त्याग कर दिया था और जब तक वो लंका में रहीं उन्होंने कुछ भी ग्रहण नहीं किया।
कहते है की जब रावण सीता जी को लंका में लाया था उसी रात ब्रम्हा जी के कहने पर इन्द्र देव ने सीता जी को दिव्य खीर खिलाई थी जिससे उनकी भूख प्यास समाप्त हो गई थी।
6) वाल्मीकि रामायण में लक्ष्मण रेखा का कोई जिक्र नहीं मिलता है।
7) वाल्मीकि रामायण के अनुसार समुद्र पर पुल बनाने में कुल पांच दिन का समय लगा था।
" पहले दिन 14 योजन,दूसरे दिन 20 योजन , तीसरे दिन 21 योजन , चौथे दिन 22 योजन और पांचवे दिन 23 योजन पुल बनाया था। यह पुल 10 योजन चौड़ा था।"
( 1 योजन = 13 से 16 किलोमीटर होता है।)
8) जब काफी समय तक राम रावण युद्ध चलता रहा तब , अगस्त्य मुनि ने श्री राम से आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करने को कहा इसके बाद भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था।
1) रामायण के हर 1000 श्लोक के पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है। गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं और वाल्मीकि रामायण में 24000 श्लोक है।
गायत्री मंत्र सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है।
2) श्री राम की माता कौशल्या कौशल देश की राजकुमारी थी। उनके पिता का नाम सकौशल और उनकी माता का नाम अमृत प्रभा था।
3) श्री राम की एक बहन भी थी जिनका नाम शांता था। वह राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थी। जिनको बचपन में ही कौशल्या की बहन वर्सिनी (जो कि निसंतान थी) और उनके पति गोपद को (जो कि अंग देश के राजा थे) को गोद दे दिया गया था।
4) वाल्मीकि रामायण में सीता जी के स्वयंवर का कोई जिक्र नहीं है। बल्कि विश्वामित्र जी के साथ राम और लक्ष्मण जी के साथ उस शिव धनुष के दर्शन के लिए गए थे और धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा दी जिससे वह टूट गया। वह धनुष भगवान शिव का था और उस धनुष का नाम पिनाक था।
5) जब रावण सीता जी का हरण करके ले गया था तब सीता जी ने अन्न जल का त्याग कर दिया था और जब तक वो लंका में रहीं उन्होंने कुछ भी ग्रहण नहीं किया।
कहते है की जब रावण सीता जी को लंका में लाया था उसी रात ब्रम्हा जी के कहने पर इन्द्र देव ने सीता जी को दिव्य खीर खिलाई थी जिससे उनकी भूख प्यास समाप्त हो गई थी।
6) वाल्मीकि रामायण में लक्ष्मण रेखा का कोई जिक्र नहीं मिलता है।
7) वाल्मीकि रामायण के अनुसार समुद्र पर पुल बनाने में कुल पांच दिन का समय लगा था।
" पहले दिन 14 योजन,दूसरे दिन 20 योजन , तीसरे दिन 21 योजन , चौथे दिन 22 योजन और पांचवे दिन 23 योजन पुल बनाया था। यह पुल 10 योजन चौड़ा था।"
( 1 योजन = 13 से 16 किलोमीटर होता है।)
8) जब काफी समय तक राम रावण युद्ध चलता रहा तब , अगस्त्य मुनि ने श्री राम से आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करने को कहा इसके बाद भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था।



Ram ji ki sister🤨🤨
ReplyDeleteThank you,blog padhne k liye.
DeleteAgar Aapke pass koi topic ya sujhaw hai to comment box me jarur likhe