चेचक के टीके का आविष्कार किसने किया और सबसे पहले इसे किस पर प्रयोग किया ?

18 वीं सदी में चेचक की महामारी ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था।

चेचक के टीके का आविष्कार

 एडवर्ड जेनर एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे और उन्होंने चेचक  (Smallpox vaccine) के टीके का आविष्कार किया था।



यह महामारी सबसे ज्यादा यूरोप में फैली थी।

 चेचक के टीके का प्रयोग

एडवर्ड जेनर ने देखा कि दूधवाले जिन्हें कभी गायों मे पाए जाने वाली बीमारी काउ पॉक्स (Cow pox) फैली थी उनमें इसका बहुत कम असर देखा जाता था।

एडवर्ड जेनर ने गायों मे पाए जाने वाली बीमारी काउ पॉक्स ( Cow pox) का अध्ययन करना शुरू किया।


एडवर्ड ने चेचक से पीड़ित गायों के थन के छालों से एक तरल निकाला और उसे एक 8 साल के बच्चे जेम्स फिल्प के शरीर में इंजेक्शन के माध्यम से डाला दिया। वह लड़का कुछ दिन बुखार से पीड़ित रहा, पर जल्द ही वो ठीक हो गया। 



फिर एडवर्ड ने चेचक से पीड़ित एक व्यक्ति के छालों में से थोड़ा सा तरल लेकर उस बच्चे के शरीर में इंजेक्शन के माध्यम से डाल दिया ( जिस बच्चे के शरीर में एडवर्ड जेनर ने गाय के थन से लिया हुआ तरल इंजेक्ट किया था )।

लेकिन वह लड़का चेचक से पीड़ित नहीं हुआ। बाद में एडवर्ड जेनर ने इसे अपने चेचक से पीड़ित मरीजों को बचाने के लिए इस्तेमाल किया।

काऊ पॉक्स क्या है ?

काऊ पॉक्स की बीमारी का असर गाय के थनों पर पड़ता था और जो भी इनका दूध निकलता था उसे ये बीमारी हो जाती थी।



इस रोग से छोटे - छोटे घाव व फुंसी हाथों में हो जाती थी। लेकिन रोगी को कोई विशेष कष्ट नहीं होता था।

एडवर्ड जेनर 

एडवर्ड जेनर का जन्म 17 मई 1749 में बर्कले ( इंग्लैंड) में 
हुआ था।



उनके पिता रेवरेंट स्टीफेन जेनर बर्कले के पादरी थे। एडवर्ड की शिक्षा 13 वर्ष की उम्र में ब्रिस्टल के पास सेडबरी नामक एक छोटे से गांव में प्राप्त की।

फिर उन्होंने लंदन के सर्जन जॉन हंटर की देखरेख में 21 वर्ष की आयु तक अध्ययन किया।

सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल लंदन में अपना परीक्षण पूरा करने के बाद अपने गांव आ गए और उन्होंने अपनी प्रैक्टिस शुरू की।
कई सालों बाद जब  उन्होंने चेचक की गंभीरता का अनुभव किया।

एडवर्ड की मृत्यु 26 जनवरी 1823 में बर्कले (इंग्लैंड) में हुआ था।


 सन् 1803 में चेचक के टीके के प्रसार के लिए रॉयल जेनेरियन संस्था की स्थापना की गई।

इनकी उपलब्धियों के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एडवर्ड जेनर को MD की उपाधि से सम्मानित किया।

सन् 1823 में एडवर्ड जेनर ने ऑफजरवेशन ऑन द बर्ड माइग्रेशन के नाम से एक निबंध लिखा। उन्होंने इसे रॉयल सोसायटी के लिए लिखा था।

सन् 1803 में - 10,000 पाउंड ,
सन् 1803 में -  20,000 पाउंड की राशि देकर ब्रिटिश संसद ने एडवर्ड जेनर को सम्मानित किया।

चेचक के टीके का आविष्कार इंग्लैंड की एक मान्यता के अनुसार हुआ

एडवर्ड जेनर का ने चेचक के टीके का आविष्कार इंग्लैंड में प्रचलित एक मान्यता के अनुसार किया था। वो मान्यता ये थी कि जिसे काऊ पॉक्स हो चुका था उसे चिकन पॉक्स नहीं हो सकता है।

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