प्लाज्मा थेरेपी क्या है ? जो पहली बार प्रथम विश्व युद्ध के बाद शुरू हुई।
प्लाज्मा थेरेपी का पहली बार इस्तेमाल
पहली बार प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के समय प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया था।
इसके बाद लगातार संक्रमित बीमारियों को दूर करने में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता रहा है।प्लाज्मा थेरेपी क्या है ?
प्लाज्मा थेरेपी में जो व्यक्ति किसी वायरस को मात देने में कामयाब हो जाता है। उस व्यक्ति के रक्त को संक्रमित व्यक्ति में डालकर उसे ठीक किया जाता है। इस थेरेपी से तीन से सात दिन में मरीज ठीक हो जाता है।
प्लाज्मा थेरेपी कैसे काम करता है ?
जब कोई व्यक्ति किसी वायरस को मात देने में कामयाब हो जाता है तो वो एंटीबॉडीज बन जाता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अल्प और दीर्घ समय के लिए मजबूत हो जाती है।
इससे इम्यूनिटी सेल्स से प्रोटीन उत्सर्जित होता है जो लल प्लाज़्मा में पाए जाते है और जो आवश्यक होने पर रक्त में थक्का बनाने में मदद करते है।
प्लाज्मा थेरेपी को एंटीबॉडी थेरेपी भी कहते है।
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