आयुर्वेद में कौन सी बीमारी को ,किस नाम से जानते है ?

आयुर्वेद भारत का बहुत ही पुराना इलाज का तरीका है। जड़ी-बूटियों, मिनरल्स, लोहा (आयरन), मर्करी (पारा), सोना, चांदी जैसी धातुओं के जरिए इसमें इलाज किया जाता है। कुछ लोग ही इस बात को जानते हैं कि आयुर्वेद में सर्जरी (शल्य चिकित्सा) का भी अहम स्थान है।



सुश्रुत संहिता में स्पेशलिटी के आधार पर आयुर्वेद को 8 हिस्सों में बांटा गया है -

1. काय चिकित्सा (मेडिसिन)

ऐसी बीमारियां जिनमें अमूमन दवाई से इलाज मुमकिन है, जैसे विभिन्न तरह के बुखार, खांसी, पाचन संबंधी बीमारियां।

2. शल्य तंत्र (सर्जरी)

वे बीमारियां जिनमें सर्जरी की जरूरत होती है।
जैसे - फिस्टुला, पाइल्स आदि।

3. शालाक्य तंत्र (ENT)

आंख, कान, नाक, मुंह और गले के रोग।

4. कौमार भृत्य (महिला और बच्चे)

स्त्री रोग, प्रसव विज्ञान, बच्चों को होने वाली बीमारियां।

5. अगद तंत्र (विष विज्ञान)

ये सभी प्रकार के विषों, जैसे सांप का जहर, धतूरा आदि जैसे जहरीले पौधे का शरीर पर पड़ने वाले असर और उनकी चिकित्सा का विज्ञान है।

6. रसायन तंत्र (रीजूवनेशन और जेरियट्रिक्स)

इंसानों को स्वस्थ कैसे रखा जाए और उम्र का असर कैसे कम हो।


7. वाजीकरण तंत्र (सेक्सॉलजी)

लंबे समय तक काम शक्ति (सेक्स पावर) को कैसे संजोकर रखा जाए।

8. भूत विद्या (साइकायट्री)

मनोरोग से संबंधित।


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