रामायण को दुनिया में कितने देशों और कितनी भाषाओं में पाया गया है?

भारतीय महाकाव्य रामायण के भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में अलग- अलग भाषाओं में भी पाई जाती है।ऐसा अनुमान है कि लगभग 300 से 3000 तरह की  रामायण है जिनमें से कुछ यहां दी गई है -

1) थाईलैंड की रामायण

थाईलैंड का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। वैसे थाईलैंड में थेरावाद बौद्ध के मानने वाले बहुमत में हैं। फिर भी वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है।



जिसे थाई भाषा में राम कियेन कहते है। जिसका अर्थ राम कीर्ति होता है, जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित हैं।

2)  इंडोनेशिया की रामायण

इंडोनेशिया में रामायण काकावीन नाम का ग्रंथ प्रचलित है। ये बहुत पुराना ग्रंथ है। रामायण काकावीन की रचना कावी भाषा में हुई है।



यह इंडोनेशिया के जावा की प्राचीन भाषा है।काकावीन का अर्थ महाकाव्य है। रामायण काकावीन 26 अध्यायों का विशाल ग्रंथ है।

3) तिब्बती रामायण

तिब्बती रामायण की छह प्रतियां तुंन हुआंग नामक स्थल से प्राप्त हुई है। उत्तर पश्चिम चीन स्थित तुंन हुआंग पर 787 से 848 ई. तक तिब्बतियों का आधिपत्य था। ऐसा माना जाता है कि उसी अवधि में इन गैर - बौद्ध परम्परावादी राम कथाओं का सृजन हुआ।


तिब्बत की सबसे प्रमाणित राम कथा किंरस-पुंस-पा की है जो " काव्यदर्श " की श्लोक संख्या 297 और 289 के सन्दर्भ में व्याख्यायित है।

4) वाल्मीकि रामायण 

 रामायण ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई महाकाव्य है। यह संस्कृत भाषा में लिखी गई थी। इसमें 24000 श्लोक और 7 काण्ड है।

(1) बालकाण्ड  (2) अयोध्या काण्ड  (3) अरण्यकाण्ड
(4) किष्किन्धा काण्ड   (5) सुन्दरकाण्ड   (6) लंका काण्ड  (युद्ध काण्ड )   (7) उत्तर काण्ड



5) रामचरितमानस

रामचरितमानस 15 वीं सदी में गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखी गई महाकाव्य है।
जैसा कि गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरितमानस के बालकांड में लिखते है कि उन्होंने रामचरितमानस की रचना का आरंभ अयोध्या में विक्रम संवत 1631 (1574 ईसवी) को रामनवमीं के दिन (मंगलवार) किया था।



यह अवधि भाषा में लिखी गई है।

6)पूर्वी तुर्किस्तान की रामायण

 खेतानी रामायण मध्य एशिया के खोतान प्रदेश में प्रचलित राम कथा है। जिसकी रचना संंभवत: 9 वीं शताब्दी में हुई थी।



एशिया के पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित तुर्किस्तान के पूर्वी भाग को " खोतान " कहा जाता है। जिसकी भाषा खोतानी है।

7) मलेशिया की रामायण

मलेशिया में राम कथा पर आधारित रचना " हिकायत सेरीराम" है। इसके लेेखक अज्ञात है। इसकी रचना 13 वीं से 17 वीं शताब्दी के बीच हुई थी।

8) चीनी रामायण

बौद्ध धर्म ग्रंथ " त्रिपिटक " के चीनी संस्करण में रामायण से संबद्ध दो रचनाएं मिलती है। "अनामकं  जातकम् " और " दशरथ कथानम् " ।


फादर कामिल बुल्के के अनुसार तीसरी शताब्दी में " अनामकं जातकम् " कांग - सेेंग - हुईं द्वारा चीनी भाषा में अनुवाद किया गया है। चीनी अनुवाद  लियेऊ-तुत्सी-किंग नामक किताब में सुरक्षित है।

9) जापानी रामायण

जापान के एक लोकप्रिय कथा संग्रह " होबुत्सुशु " में संक्षिप्त राम कथा है। इसकी रचना तैरनो यासुयोरी ने 12 वीं शताब्दी में लिखी थी।

10) फारसी रामायण 

फारसी रामायण का अनुवाद मुगल शासक अकबर ने करवाया था।



अकबर की सचित्र रामायण वर्तमान समय में महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय, जयपुर में है। यह रामायण ई.स. 1584 से 1588 के बीच तैयार हुए थीं।

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