टी. आर. शेषाद्री के महत्वपूर्ण कार्य !
1) टी. आर. शेषाद्री प्रेसीडेंसी कॉलेज के केमिस्ट्री विभाग में शोधकार्य शूरू किया।
2) इंग्लैंड की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में शेषाद्री ने कैमेस्ट्री प्रोफेसर रॉबर्ट रॉबिंसन (एफआरएस) के देख रेख में शोध कार्य किया।
प्रोफेसर रॉबिंसन बाद में रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष मनोनीत हुए और उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
3) शेषाद्री ने मलेरिया के रोकथाम की औषधियों और रासायनों के संश्लेषण पर रास्ता दिखाया।
इस शोध कार्य के लिए 1929 में उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
4) डॉक्ट्रेट की उपाधि पाने के बाद शेषाद्री ने कुछ महीने ऑस्ट्रिया मी नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर फ्रिट्ज प्रेगल के साथ बिताए। प्रोफेसर प्रेगल केमिस्ट्री में सूक्ष्म विश्लेषण के अपने काम के लिए प्रसिद्ध थे।
5) शेषाद्री यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनब्रा के केमिस्ट्री विभाग में प्रोफेसर जॉर्ज बार्जर (एफआरएस) के साथ कुछ समय बिताया और 1930 में वापस लौट आए।
6) 1934 में उन्होंने आंध्रा यूनिवर्सिटी केमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष के पद पर काम शुरू किया।
7) उन्होंने शोध स्कूल की स्थापना की, फिर यूनिवर्सिटी ने उन्हें कैमिकल टेक्नॉलाजी और औषधिय केमिस्ट्री के नया विभाग स्थपित किया।
8) द्वितीय विश्व युद्ध के कारण यूरोप से आने वाले केमिकल्स और उपकरणों का मिलना मुश्किल हो गया।
उसी समय फौज की एक टुकड़ी ने वाल्टेयर स्थित केमिस्ट्री विभाग में रहे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वाल्टेयर की प्रयोगशाला का फिर से निर्माण हुआ और शेषाद्री वहां वापस लौटे।
9) 1949 में शेषाद्री को दिल्ली यूनिवर्सिटी के उपकुलपति सर मैरिस ग्वायर ने केमिस्ट्री विभाग का सम्पूर्ण कार्यभार संभालने को कहा शेषाद्री ने बहुत कम समय में "प्राकृतिक उत्पादों " पर विश्व स्तरीय केमिस्ट्री विभाग स्थपित किया। यहां टीम में इंग्लैंड , फ्रांस और जर्मनी के शोध छात्र शामिल थे।
10) उन्होंने 160 से अधिक पीएचडी छात्रों का मार्ग दर्शन और कुल मिलाकर 1000 से अधिक शोधपत्र लिखी।
11) शेषाद्री ने एक किताब " केमिस्ट्री ऑफ विटामिन्स " एंड " हार्मोन्स " भी लिखी।
12) वनस्पति और प्राणियों के रंगो में शेषाद्री की रूचि थी , शूरू में उन्होंने कपास और गुड़हल के फूलों के रंगो पर शोधकार्य किया।
13) उन्होंने कई नये यौगिकों के ढांचों की व्याख्या की और साथ विश्लेषण के कई नये तरीके ईजाद किए जो आज केमिस्ट्री में आम बन गए है।
14) हिमालय पर पाए जाने वाले जैविक (लाइकिन) पर रासायनिक शोध करने वाले शेषाद्री पहले भारतीय थे।
15) शेषाद्री के अनुभव का बहुत से संगठनों ने लाभ उठाया इनमें - सीएसआईआर , आईसीएमआर , आईसीएआर और डीएडी शामिल है।
16) शेषाद्री ने शिक्षा ,स्वास्थ्य ,कृषि और सुरक्षा से संबंधित विशेषज्ञ समितियों की अध्यक्षता की।
17) वो संसद और युनेस्को के वैज्ञानिक सलाहकार भी थे।
18) 1965 में उन्होंने अपना संपूर्ण पुस्तकालय दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैमेस्ट्री विभाग को दान कर दिया।




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