डॉ. सत्येंद्र नाथ बोस - 4
पुरस्कार
1* सन् 1954 में इन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण एक उपाधि दी।
2*1960 में इन्हें मेघनाथ साहा पुरस्कार मिला।
सत्येंद्र नाथ बोस की कृतियां -
1* क्विंटम थ्योरी पर ठोस शोध कार्य और उस पर किताब भी लिखी।
2* प्लैंक लॉ पर शोध कार्य
3* आइंस्टाइन बोस स्ट्रेटिस्टीकल के जनक
4* एफाइन कनेक्शन कॉफीशिंट्स
5* प्रोबेबिलिटी पर शोध कार्य
Bosons और Fermious
पार्टिकल थ्योरी पर इनका शोध आइंस्टाइन की टक्कर का था। उसी समय फर्मी नामक वैज्ञानिक का भी इसी विषय पर शोध जारी हुआ।
इसके बाद के वैज्ञानिकों ने पार्टिकल थ्योरी के शोध को दो भागों में विभक्त कर दिया ,उनमें से एक भाग को सत्येंद्र नाथ बोस के नाम पर " Bosons " और दूसरे भाग को फर्मी के नाम पर " Fermious" कहा जानें लगा।
बोसोन के विचार पर आधारित शोधों "बोस आइंस्टाइन स्ट्रेटिस्टीकल " और बोस आइंस्टाइन कांडेंसेट " पर नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
2001 में भौतिकी का नोबल पुरस्कार "थ्योरी ऑफ बोस आइंस्टाइन कंडेंसेट्स " प्रदान किया गया लेकिन बोस इससे वंचित ही रहे।
पुस्तकालय और बोस
सत्येंद्र नाथ को शोध कार्य के लिए नए पुस्तकों को जरूरत पड़ती थी। जो उन दिनों पुस्तकालयों में उपलब्ध नहीं थी।
तब उन्होंने नयी पुस्तकें और साहित्य को एकत्रित करना शुरु किया , इस काम में उन्हें काफी कठिनाई हुई क्योंकि उस समय प्रथम विश्वयुद्ध चल रहा था जिसके कारण नयी पुस्तकें और पत्र पत्रिकाएं भारत नहीं पहुंच पा रही थी।
तब उस समय एक जर्मन वैज्ञानिक मि. पी. जे. ब्रुहल जो उस समय भारत में रह रहे थे उन्होंने इनकी मदद की।
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