डॉ. सत्येंद्र नाथ बोस - 2

कार्य और उपलब्धियां


1* बोस ने सांख्यिकी यांत्रिकी, आयन मंडलीय , विद्युत चुंबकत्व क्ष - किरण केलास विज्ञान और ताप संदिप्त के क्षेत्र में अनेक योगदान दिए।


2* बोस ने आइंस्टीन के " यूनिफाइड फील्ड थियरी" के बारे में कई महत्वपूर्ण संशोधन के भी सुझाव दिए। हालांकि पहले तो बोस के सुझाव मान्य नहीं हुए पर बाद में जब वैज्ञानिकों ने इन्हें परखा तो ये अत्यंत तार्किक और मौलिक थे।


3* बोस को 1952 से 1958 तक राज्यसभा का सदस्य मनोनित किया गया।

4* 15 अगस्त,1958 में सरकार ने इन्हें राष्ट्रीय आचार्य मनोनित किया।


5* वे विश्व भारती विश्वविद्यालय के उपकुलपति के रूप में कार्यरत रहे जिसके संस्थापक गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर थे।

6* बोस ने स्वयं एक्स - 2 क्रिस्टिलोग्राफी लेबोरेट्री के लिए उपकरण तैयार किए।

7* इन्होंने विभागों में " एक्स - रे स्पेक्ट्रोस्कोपी " , " एक्स - रे  डिफ्रेक्शन " , "मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर" , "ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोस्कोपी" , "वायरलेस और यूनिफाइड फील्ड थ्योरीज " में शोध केंद्र स्थापित करने की दृष्टि से विभागों में प्रयोगशालाओं में तथा पुस्तकालयों की व्यवस्था की।


8* भारत विभाजन के समय ये "खेत्र चेयर " के अधिकारी बने और सन् 1956 तक विश्वविद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे।

9* ये छात्रों को स्थानीय साधनों और तकनीक से प्रयोगशाला उपकरण तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे।

10* रिटायरमेंट के समय इन्हें प्रोफेसर एमेरिट्स बनाया गया।

11* फिर ये विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के उपकुलपति बनाए गए।

12* सन् 1958 में इन्हें भौतिक विज्ञान का एक प्राध्यापक बना कर सम्मानित किया गया और इस पद पर वे 15 वर्षों तक रहे।

13* सन् 1958 में ही इन्हें इंग्लैंड की रॉयल सोसायटी का फेलो चुना गया।

14* विश्व भारती से लौटकर ये कलकत्ता विश्वविद्यालय में न्यूक्लियर फिसिक्स में शोध और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के छूटे शोध कार्य में संलग्न रहे।

15* 1986 में पार्लियामेंट में विधेयक पारित करके भारत सरकार ने "एस. एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज " की स्थापना की।

16* बोस नेशनल स्ट्रेटिस्टीकल इंस्टीट्यूट " के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष पदों पर भी रहे।

17* ये राज्यसभा के सदस्य भी रहे।

18* सत्येंद्र नाथ बोस ने साहा के साथ 1918 के बाद सैद्धांतिक भौतिकी और शुद्ध गणित के कई शोध पत्र प्रकाशित किए।


इनका कार्य " एक्स - रे क्रिस्टिलोग्राफी " और "ग्राउंड यूनिफाइड थ्योरीज " तक विस्तृत था।


मेघनाथ साहा के साथ इन्होंने "An Equition of State for Real Geses" प्रकाशित किया।


19* बोस सन् 1921 में ढ़ाका के सह निर्मित भौतिकी विश्वविद्यालय में रीडर थे।

20* सन् 1945 तक बोस ढ़ाका विश्वविद्यालय में डीन "फैकल्टी ऑफ साइंस" रहे।

21* बोस ने बी.एस.सी.(ऑनर्स ) और एम. एस. सी. में उच्च पाठ्यक्रम शिक्षण के दृष्टिकोण से सभी प्रयोगशालाओं समेत सभी विभागों का निर्माण कराया तथा थर्मोडायनेमिक्स के साथ -साथ "जेम्स क्लार्क मैक्स वेल्स थ्योरी ऑफ इलेक्टोमैग्नेटिज्म " का शिक्षण किया।

22* बोस यूरोप से वापस आकर 1926 में ढ़ाका विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के अध्यक्ष बनाए गए। इन्होंने ढ़ाका विश्वविद्यालय में शोध और शिक्षण चालू रखा।

23* 1916 से 1921 तक ये कलकत्ता विश्वविद्यालय में लेक्चरर रहे।

24* मेघनाथ साहा और सत्येंद्र नाथ बोस ढ़ाका से कलकत्ता आकार पढ़ने लगे। यहां पी. सी. महालनोबिस और शिशिर कुमार मित्रा इनसे कुछ वर्ष वरिष्ठ (सीनियर) थे।

25* कलकत्ता विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. आशुतोष मुखर्जी ने बोस की प्रतिभा को पहचान कर , इनकी कॉलेज की पढ़ाई खत्म होते ही इन्हें विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक के रूप में नियुक्त कर दिया।


इस पद को संभालते हुए भी वे नए - नए अनुसंधान कार्य करते रहते थे। भौतिकविद डॉ मेघनाथ साहा भी यहीं अध्यापक के रूप में कार्यरत थे।

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